इंफाल। Manipur Assembly Session मणिपुर विधानसभा के मंगलवार को होने वाले एक दिवसीय सत्र में राज्य के जातीय संघर्ष की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जा सकती है। ज्यादातर कुकी विधायकों के सुरक्षा चिंताओं के कारण विधानसभा सत्र में हिस्सा न लेने की संभावना है। कुकी बहुल इलाकों के 10 में से छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से पहले ही छुट्टी ले ली है।
अधिकारी ने जारी किया बयान
एक अधिकारी ने बताया कि पांच विधायकों ने सोमवार को अध्यक्ष के पास छुट्टी के लिए अर्जियां भेजीं जबकि सामाजिक कल्याण एवं सहकारिता मंत्री और कांगपोकपी से विधायक नेमचा किगपेन ने शनिवार को छुट्टी की अर्जी भेजी।
जिन विधायकों ने सोमवार को छुट्टी के लिए आवेदन भेजा उनमें आदिवासी एवं पर्वतीय मामलों के मंत्री लेतपाओ हाओकिप (तेंगनुपाल), चुराचांदपुर से विधायक खाउते, सैकुल से किमनेओ हांगशिंग, सैतू से हाओखोलेत किपगेन और हेंगलेप से विधायक लेत्जामांग हाओकिप शामिल हैं।
28 अगस्त को बढ़ाया समय
सामाजिक कल्याण एवं सहकारिता मंत्री किगपेन ने अपनी अर्जी में कहा कि मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से उनके तथा उनके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा कारणों से इंफाल में रहना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इंफाल में हिंसक संकट और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैं आगामी एक दिवसीय सत्र में भाग नहीं ले पाऊंगी।’’
राज्य सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राज भवन से मंजूरी न मिलने के बाद तारीख में संशोधन कर इसे 28 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था।
पिछले सप्ताह की घोषणा
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि विधानसभा सत्र 29 अगस्त को बुलाया जाएगा। पिछला विधानसभा सत्र मार्च में आयोजित किया गया था। नियमों के अनुसार हर छह महीने में विधानसभा का एक सत्र आयोजित करना होता है।
‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) और ‘इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने हाल में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की निंदा करते हुए कहा था कि कुकी-जो विधायकों के इसमें भाग लेने के लिए मौजूदा स्थिति अनुकूल नहीं है।
मणिपुर के कांग्रेस नेता ने दिया बयान
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने शनिवार को कहा था कि आगामी 29 अगस्त को बुलाया जा रहा विधानसभा का एक दिवसीय सत्र दिखावा मात्र है और यह जनता के हित में नहीं है। मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
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