श्रीनगर। Jammu Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार जवाहर लाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला के नाम पर रखे गए संस्थानों के नाम बदल रही है, लेकिन उन्हें इतिहास से नहीं मिटाया जा सकता।
नाम बदलकर नहीं बदल सकते इतिहास
फारूक अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वे (सरकार) नाम बदलकर इतिहास नहीं बदल सकते। क्या वे इतिहास से शेख मोहम्मद अब्दुल्ला, जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी का नाम हटा सकते हैं? उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से मुगल शासन पर अध्याय हटा दिए, लेकिन वे इतिहास से मुगलों को कैसे मिटाएंगे?’’
फारूक ने कहा, ‘‘जब मेरे बच्चे और आपके बच्चे ताजमहल देखेंगे तो पूछेंगे कि इसे किसने बनवाया? वे क्या कहेंगे?’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला के नाम पर रखे गए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का नाम बदलने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक ने कहा, ‘‘शेख मोहम्मद अब्दुल्ला लोगों के दिलों में रहते हैं। वे उन्हें वहां से नहीं हटा सकते।’’ फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला थे।
कन्वेंशन सेंटर से हटा शेर नाम
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से शेख अब्दुल्ला का लोकप्रिय नाम ‘शेर’ हटा दिया है। दिल्ली में, 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी कर दिया गया है।
चीन द्वारा लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह जानते हैं कि चीनी ‘‘हमारी जमीन पर बैठे हैं।’’ फारूक ने कहा, ‘‘आप यह राहुल गांधी से पूछें। फारूक अब्दुल्ला ने ऐसा कुछ नहीं कहा है। (लेकिन) मुझे पता है कि वे हमारी जमीन पर बैठे हैं। अब तक 19 दौर की बातचीत हो चुकी है, वे कब वापस जाएंगे, मुझे नहीं पता।
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