नई दिल्ली। दिल्ली में अगले महीने होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बेहतर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या, और बारिश से जलभराव होने वाले इलाकों में भूमिगत पंप की ऊंचाई बढ़ाई है।
भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को होगा। जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए मुख्य आयोजन स्थल प्रगति मैदान में हाल में उद्घाटित सम्मेलन परिसर है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले महीने यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी और 27 हजार लोगों को नदी के बाढ़ के मैदान वाले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था।
सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों की राजघाट, प्रगति मैदान सुरंग और भैरों रोड के इलाकों में अधिक आवाजाही होगी। इन इलाकों में बाढ़ आई थी जो चिंता का विषय है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सम्मेलन के दौरान बारिश से पैदा होने वाली स्थिति से निपटने की हमने योजना बनाई है।
हमने 24 घंटे विभिन्न सड़कों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई है। इसके साथ ही बाढ़ के दौरान जलमग्न हो गये भूमिगत पंप को ऊंचाई पर स्थापित किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि 10 स्थानों की पहचान की गई है जहां पर भारी बारिश होने की स्थिति में जलभराव को रोका जाएगा।
इन इलाकों में सम्मेलन स्थल आईटीपीओ, प्रगति मैदान सुरंग, पटियाला हाउस अदालत के नजदीक तिलक मार्ग, आईटीओ स्काईवाक के नजदीक अंडपास और पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के सामने इंद्रप्रस्थ मार्ग शामिल है। अधिकारी ने बताया कि प्रगति मैदान सुरंग में 72 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिनमें से कुछ कैमरे दिल्ली पुलिस ने लगाए हैं।
विदेशी मेहमानों के इस सुरंग का इस्तेमाल करने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि सुरंग में कुल 540 किलोवाट क्षमता के 16 पंप संचालित किये जा रहे हैं। इनके अलावा 40-40 हॉर्सपावर (एचपी) के छह सचल पंप भी लगाए गये हैं। पिछले महीने भारी बारिश के बाद पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के सामने इंद्रप्रस्थ मार्ग भी जलभराव वाले स्थानों में से एक था। 337 एचपी की कुल क्षमता वाले सात पंप वहां संचालित किये जा रहे हैं और 50 एचपी के दो सचल पंप तैयार स्थिति में रखे गये हैं।
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