चंद्रपुर। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के ‘ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य’ (टीएटीआर) की ऑनलाइन बुकिंग के लिए एक अनुबंध हासिल करने वाली कंपनी के संचालन से जुड़े दो भाइयों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दोनों भाइओं पर ऑनलाइन बुकिंग में 12 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता बरतने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान चंद्रपुर शहर निवासी अभिषेक विनोदकुमार ठाकुर और रोहित विनोदकुमार ठाकुर के रूप में हुई है।
वे दोनों भाई हैं और उनके खिलाफ शुक्रवार को रामनगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि संभागीय वन अधिकारी सचिन शिंदे ने दोनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिनकी साझेदारी वाली कंपनी ‘चंद्रपुर वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशन’ को ऑनलाइन बुकिंग का अनुबंध दिया गया था।
बयान के मुताबिक, ‘दोनों आरोपी पिछले कुछ वर्षों से टीएटीआर में ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं। हालांकि, हाल में यह पता चला कि आरोपियों ने कथित तौर पर टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को 12,15,50,831 रुपये का भुगतान नहीं किया।’
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह पाया गया कि उन्होंने टीएटीआर को आवश्यक राशि का भुगतान नहीं किया। नियमित लेखा-जोखा के दौरान उनकी अनियमितता सामने आई। जब अधिकारियों ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा, तब वे भुगतान का विवरण देने में विफल रहे।’ उन्होंने बताया कि इसके बाद टीएटीआर प्रबंधन ने पिछले सप्ताह उसकी कंपनी की सेवाएं समाप्त कर दीं और ऑनलाइन बुकिंग के लिए एक नई एजेंसी नियुक्त की।
पुलिस के अनुसार, 2020-21 से 2023-24 तक का विस्तृत ऑडिट किया गया। इसमें पाया गया कि कंपनी को टाइगर रिजर्व प्रबंधन को 22,80,67,749 रुपये का भुगतान करना था, लेकिन इसने केवल 10,65,16,918 रुपये का भुगतान किया। कंपनी ने प्रबंधन को 12,15,50,831 रुपये का भुगतान नहीं किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अनुबंध के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया और उक्त राशि का गबन कर लिया। उसने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है। टीएटीआर को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य बताया जाता है।
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