Yawning Fact: उबासी एक ऐसी चीज जिसके बारे में देखना तो दूर, यदि आप किसी को फोन पर लेते हुए सुन लें, देख लें यहां तक कि महसूस भी कर लें, तो आपको आते देर नहीं लगती। आप भी सोचते होंगे कि आखिर इसमें ऐसा क्या है कि अक्सर लोग एक-दूसरे को देखकर भी जम्हाई लेने लगते हैं। तो आइए आज हम बताते हैं एक दूसरे को देखकर उबासी क्यों आती है।
इसलिए आती है उबासी
उबासी जिसे जम्हाई भी कहते हैं, हमारी एक शारीरिक प्रक्रिया में शामिल है। दरअसल यह हमारे दिमाग और शरीर के बीच होने वाली एक रिएक्टिस एक्टिविटी है। जिसमें शरीर खुद के रिलेक्स करता है। इसी तरह एक-दूसरे को देखकर उबासी लेना भी ब्रेन की एक आदतन प्रक्रिया है। सो कर उठने के बाद, किसी काम से बोरियत होने पर या फिर थक जाने से अक्सर हम उबासी लेते हैं।
ज्यादा उबासी आए, तो हो जाएं सतर्क
उठने या थकान होने पर उबासी आना एक नॉर्मल प्रक्रिया है। इसके विपरीत अगर किसी को जरूरत से ज्यादा उबासी आती है तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। तो आइए इससे पहले हम जान लेते हैं कि उबासी आने के पीछे कारण क्या-क्या हैं।
क्यों आती है उबासी Why Do we yawn
शरीर का तापमान बढ़ जाने पर आती है उबासी
हमारे शरीर का तापमान और ब्रेन इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह माना जाता है। फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर जर्नल द्वारा वर्ष 2014 में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया। जिसके अनुसार जब हमारे शरीर का तापमान ज्यादा हो जाता है तो इस कम या ठंडा करने तथा शरीर का तापमान संतुलित करने के लिए शरीर और ब्रेन के संतुलन से उबासी (Yawning Fact) आई है।
एक को देख दूसरे को क्यों आती है उबासी?
साल 2004 में म्यूनिख की साइकियाट्रिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (Psychiatric University Hospital) की रिसर्च बताती है कि, उबासी (Yawning Fact) संक्रमण फैलाती है। तकरीबन 300 लोगों पर की गई रिसर्च में 50 फीसदी लोग ऐसे थे, जो दूसरों को देखने के बाद उबासी लेने लगे। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब किसी को उबासी लेते हुए इंसान देखता है, तो उसका मिरर न्यूरॉन सिस्टम (mirror neuron system) एक्टिव हो जाता है और वो उसे नकल के लिए प्रेरित करता है। यही वजह है कि अगले को देखकर उबासी लेने का मन करने लगता है।
ये भी हैं कारण उबासी आने के
- दवाओं के साइडइफेक्ट्स से
- ब्रेन का थक जाना
- कार्बन डाइऑक्साइड का बाहर निकलना
- नींद संबंधी विकार, जैसे स्लीप एपनिया के कारण
- बोरियत होना
- डिप्रेशन के कारण
उबासी लेने के फायदे (Yawning Health Benefits)
लंग्स के लिए लाभदायक
उबासी लेने पर हमारे फेफड़े पूरी तरह से फैल जाते हैं जिससे उसके टिशूज और मांसपेशियों की अच्छी खासी एक्सरसाइज होती है। जिसका सबसे बड़ा फायदा फेफड़ों को ही मिलता है। फैलावा के साथ फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। अत: हर समय उबासी आना आलस का कारण नहीं होता है।
तापमान को करती है नियंत्रित
जब हम उबासी लेते हैं तो यह प्रक्रिया शरीर को रिलेक्स करने में मदद करती है। उबासी लेने पर शरीर अपने आप को कुछ समय के लिए डिटॉक्स करके तापमान को करता है। ठंडी हवा में सांस लेने के दौरान उबासी लेने से शरीर को स्वस्थ्य हवा भी मिलती है।
बढ़ जाती है ऑक्सीजन की मात्रा
हमारे शरीर के ऊब जाने पर थकान महसूस होने लगती है। जिससे धीमी सांस लेने पर शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इसके विपरीत उबासी लेने पर शरीर में भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन (Oxygen) मिलने लगती है। कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) को भी उतनी ही मात्रा में बाहर निकालता है। कुल मिलाकर ये बात है कि जम्हाई हमारे शरीर में इन दोनों गैस के उत्सर्जन और अवशोषण को संतुलित रखने में मदद करती है।
ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर
जब हम उबासी लेते हैं तो जबड़े में खिचाव होने के कारण चेहरे व गर्दन में खून का चाल बढ़ जाती है। इसके अलावा उबासी के कारण लंबी सांस लेने का एक फायदा यह भी होता है जिससे दिल की धड़कन में भी तेजी आ जाती है। इसका असर होता ये है कि यह प्रक्रिया खून के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ को तेजी से विभाजित करने में सफल होती है। जिससे हमें बॉडी को रीस्टार्ट करने में हेल्प मिलती है।
तनाव को करता है दूर
तनाव बढ़ने के कारण हमारा दिमाग गर्म हो जाने से ब्लड प्रेशर (BP) भी बढ़ जाता है। इस स्थिति में हम उबासी लेकर थोड़ी देर के लिए शांत बैठ जाते हैं। इस स्थिति में यह तनाव को तो दूर करता ही है साथ ही साथ एंग्जायटी को भी कम कर देता है।
इसके अलावा अगर आपको जरूरत से ज्यादा उबासी आती है तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। जिसमें नींद न आना, तनाव यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर, दिल से जुड़ी घातक बीमारियों, मिरगी, आदि का भी संकेत हो सकते हैं।
Yawning Fact, Yawning Fact in hindi, yawns on seeing, Yawning benefits, yawning reasion, kyon aati hai ubasi, उबासी, जम्हाई