भोपाल। MP Weather Update: मध्यप्रदेश में गुरूवार से मौसम एक बार फिर खुशनुमा होने वाला है। सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और ट्रफ लाइन के चलते पूर्वी मध्यप्रदेश में अगले कुछ दिन तक बारिश के आसार हैं।
तो वहीं दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में बना नया वेदर सिस्टम एक बार फिर जोरदार बारिश करा सकता है। पूर्वी हिस्सों में 19 और 20 अगस्त को भारी बारिश के आसार हैं। तो वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग में हल्की बारिश का दौर ही रहेगा।
मध्यप्रदेश में कैसे रहेंगे अगले 24 घंटे
रीवा-शहडोल संभाग के सतना, सीधी, सिंगरौली, रीवा, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में तेज बारिश होगी। जबलपुर में भी कहीं-कहीं हल्की और तेज बारिश हो सकती है।
17 अगस्त का मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने मंगलवार यानि आज 17 अगस्त को सुबह करीब 8:30 बजे तक प्रदेश में कहीं पर भी तेज बारिश की संभावना नहीं जताई गई है। पूर्वानुमान के मुताबिक जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, रायसेन, सीहोर, भोपाल, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर कलांग जिलों में अगले 24 घंटों में गरज चमक के साथ वज्रपात की संभावना है।
मौसम विभाग मध्य प्रदेश अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडोरी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, विदिशा, रायसेन, भोपाल, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, अशोकनगर, शिवपुर कलां में कहीं—कहीं गरज चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई है। तो वहीं शहडोल, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम के संभागों में कहीं—कहीं स्थान पर हल्की बारिश का पूर्वानुमान है।
इतनी गति से चलेगी हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार ( MP Weather Forcast) गुरूवार के पूर्वानुमान के अनुसार हवा की औसत गति 14 किमी प्रति घंटे की रह सकती है। तो वहीं सुबह का अधिकतम तापमान 31 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। आकाश की स्थिति मेघमय रहेगी।
ये जिले सूखे की कगार पर
आपको बता दें वैसे तो बीते दिनों प्रदेश में झमाझम बारिश हुई। लेकिन एमपी के कुछ जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। बहुत कम बारिश वाले जिलों में नीमच एवं मंदसौर है। इतना ही नहीं सतना, अशोक नगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम बारिश हुई है। यही कारण है कि यहां फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
सोयाबीन की फसल को ही सबसे अधिक नुकसान क्यों
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो सभी फसलों में सोयाबीन ऐसी फसल है जिसकी जड़ें उथली रहती हैं। यही कारण है कि पानी की कमी से इसकी जड़े सूखने लगी है। जिससे सोयाबीन के पौधे मुरझाने लगे हैं। यही कारण है कि अब किसानों की टेंशन इसे लेकर बढ़ रही है।
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