Das Bajiya Phool: हालांकि दस बजिया किसी प्रकार का कोई सुगंध नहीं होता है। लेकिन, इसके रंग बहुत मनमोहक होते हैं, घर और बगीचे की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। यह फूल सुबह सूर्योदय होने के दो-तीन घंटे बाद खिलता है और शाम तक मुरझा जाता है।
जी हां, ये कमाल की बात यह है यह फूल लगभग हर दिन 9 से 10 तक खिल जाता है। शायद यही कारण है इसको दस बजिया फूल भी कहते है। अंग्रेजी में इसे पोर्टुलाका ग्रन्डीफ़्लोरा (Portulaca Grandiflora) कहते हैं।
इसे नौबजिया (अंग्रेजी में नाइन ओ क्लॉक) या नोबची, टेबल रोज, मोस रोज आदि कई नामों से जाना जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
इस फूल के बारे में यह प्रचलित है कि इसे घर के दरवाजे के पास रखने से यह घर की नकारत्मक ऊर्जा को सोंख लेता है। परिणाम स्वरूप इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा में अपने आप बढ़ जाती है। इसका शुभ असर घर के हर काम पर पड़ता है।
घर आती है समृद्धि
दस बजिया फूल के बारे में कहा जाता है यह घर में सौभाग्य लाता है। मान्यता है कि इस फूल को लगाने से घर और परिवार में धन और समृद्धि आती है। घर के सदस्यों को कभी रुपये-पैसा कमी नहीं पड़ती है।
पारिवारिक एकता में वृद्धि
कहा जाता है कि घर के आस-पास इस फूल के होने से परिवार के लोगों में सामंजस्य और एकता बनी रहती है। लोग अलग-अलग विचारधारा के होकर भी एकत्व और सामूहिकता में विश्वास रखते हैं।
कई रंगों में आता है ये फूल
ये फूल कई आकर्षक रंगों में आते हैं, जिअसे लाल, पीला, उजला, बैंगनी, नीला, नारंगी, हल्का पीला, गुलाबी, चितकबरा, द्विरंगी (लाल-पीला, उजला-लाल, नारंगी-लाल, उजला-गुलाबी आदि)।
आप भी बना सकते हैं नया फूल
एक सबसे अच्छी बात इस फूल के बारे में ये है कि इसे आसानी से आपस में संकरण (Hybridization) करवाया जा सकता है। इसके लिए बस दो रंगों के फूल के डंठलों को उचित तरीके गांठ लगाना होता है।
राशि के रंग अनुसार लगाएं फूल
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक शुभ रंग होता है। मान्यता है कि ज्योतिष के शुभ रंग वाला दस बजिया फूल व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य लाता है।
दस बजिया फूल के फायदे
– यह फूल अल्कलॉइड्स, फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। जिसका इस्तेमाल सदियों से औषधि और सौन्दर्य-प्रसाधन में होता आया है.
– गांवों के लोग आज भी इस फूल को सनबर्न (Sun Burn) से निजात पाने का सबसे बढ़िया जड़ी-बूटी मानते हैं। घरेलू नुस्खे में इस फूल के रस का त्वचा पर लगाने से सनबर्न दाग शीघ्र मिट जाते हैं।
– सदियों से इस बजिया फूल के पत्तों, डंठल और फूल का इस्तेमाल दाद-दिनाय, खाज-खुजली, एक्जिमा, घाव की सूजन, फोड़े-फुंसी, त्वचा और चेहरे के दाग-धब्बों से निदान के लिए होता आया है।
– दवा की इंडस्ट्री और बाजार में इस फूल की काफी मांग है। इस फूल के इस्तेमाल कई दवाइयां और सौन्दर्य-प्रसाधन सामग्री बनाई जाती हैं।
दस बजिया फूल लगाने की आसान विधि
यदि गमले तैयार हो, केवल इस के फूल को डंठल रोप देने से और नमी बनाए रखने से थोड़े ही दिन में ठंडल से जड़ें और अन्य शाखाएं उग आती हैं।
दरअसल, दस बजिया फूल एक ऐसा फूल है, जो हर प्रकार की मिटटी और वातावरण में उगाया जा सकता है।
यह धूप और छांव सभी जगह लगा सकते हैं। लेकिन खुली जमीन, थोड़ी रेत वाली मिटटी और सूरज की रौशनी वाली जगह इसके लिए सबसे बढ़िया है।
घर के टैरेस और बालकनी में भी इस फूल को आसानी से छोटे गमलों में उगा सकते हैं।
इसके लिए गमले में मिट्टी के साथ वर्मी कंपोस्ट और गोबर का खाद भी अच्छा रहता है।
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