पटना। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस), केके पाठक ने आठ अगस्त, 2023 को राज्य भर के जिलाधिकारियों (डीएम) को लिखे एक पत्र में यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि शिक्षक जाति आधारित गणना कार्य में विद्यालय समय के दौरान शामिल न हों।
डीएम को लिखे पत्र में कहा
पाठक ने सभी डीएम को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘राज्य में जाति आधारित गणना कार्य की क्षेत्र संबंधी गतिविधियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं। अभी डाटा एंट्री का काम हो रहा है। अत: अब अनुरोध है कि विद्यालय समय में डाटा-एंट्री कार्य के लिए शिक्षकों की सेवाएं न ली जाएं।
स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो
शिक्षकों को स्कूल समय के दौरान जाति सर्वेक्षण अभ्यास के शेष कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए।’’ इससे पहले, पाठक ने एक अगस्त को राज्य के सभी डीएम से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि जाति सर्वेक्षण अभ्यास को छोड़कर, शिक्षकों को किसी अन्य प्रशासनिक कार्य में शामिल नहीं किया जाए ताकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो।
जाति सर्वेक्षण अभ्यास फिर से किया शुरू
बिहार सरकार ने हाल में पटना उच्च न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के बाद जाति सर्वेक्षण अभ्यास फिर से शुरू किया। पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति सर्वेक्षण को वैध और कानूनी ठहराया था। अदालत ने उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जो पिछले साल जून में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति सर्वेक्षण के खिलाफ दायर की गई थीं। पटना उच्च न्यायालय के फैसले को अब उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने इसे 14 अगस्त को सूचीबद्ध किए जाने का निर्देश दिया है।
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