रायपुर। चुनावी साल में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और इस बार सियासत छिड़ी है। शिक्षा विभाग में कथित भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस राज में शिक्षा व्यवस्था में माफिया राज में चल रहा है और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।
बीजेपी ने लगाए आरोप
तो वहीं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, भ्रष्टाचार को कांग्रेस सरकार की फ्लैगशिप योजना करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर वसूली हो रही है और इसको लेकर जिम्मेदारों को जवाब देना ही होगा।
मंत्री रविंद्र चौबे का पलटवार
बीजेपी आरोप लगा रही है तो कांग्रेस भी अपने लेवल पर लगी हुई है करीब 1 महीने पहले शिक्षा विभाग का जिम्मा संभाल चुके सीनियर नेता रविंद्र चौबे लगातार एक्शन में हैं। प्रमोशन में गड़बड़ी के बाद पोस्टिंग रद्द कर दी गई। दोषियों पर एक्शन के निर्देश दिए और नए सिरे से लिस्ट बनाने के आदेश जारी हुए। रविंद्र चौबे ने शिक्षा विभाग में सुधार करने का भरोसा दिलाया तो बीजेपी के आरोपों पर पलटवार भी किया।
जिम्मेदार जनता को दे जवाब
जाहिर है चुनावी साल में रविंद्र चौबे को मिला पदभार चैलेंज की तरह है और इस दौरान एक्शन लेकर मिसाल पेश करने का अवसर भी लेकिन ये सियासत है। वार-पलटवार 15 साल बनाम 5 साल का मुद्दा चुनावी साल में गरमाता रहेगा। साथ ही जनता को एक-दूसरे को सबसे भ्रष्ट बताने का दौर भी लेकिन जनता किसे भ्रष्ट मानकर किसपर भरोसा दिखाती है ये आने वाले वक्त बताएगा।
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