नई दिल्ली। Nag Panchami 2023: सावन का माह शिवजी के लिए खास माना जाता है। ऐसे में उनके गले के श्रृंगार नागराज के पूजन का खास त्योहार नागपंचमी इस साल 21 अगस्त को मनाया जाएगा। यदि आप कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh) से पीड़ित हैं या जीवन में कष्टों से परेशान हैं तो सर्प बाधा को दूर करने के लिए ये उपाय और मंत्र जरूर करें।
नागपंचमी पूजा मंत्र – 1 Nag Panchami Mantra
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतलेण्
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनःण्
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
श्लोक का अर्थ:
अर्थ : इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएं, तालाब तथा सूर्य.किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं।
नागपंचमी पूजा मंत्र – 2 Nag Panchami Mantra
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
श्लोक का अर्थ:
नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। अगर रोजाना सुबह नियमित रूप से इनका जप किया जाए। तो नाग देवता आपको सभी पापों से सुरक्षित रखेंगे और आपको जीवन में विजयी बनायेंगे।
नागपंचमी के उपाय – Nag Panchami Ke Upay
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से नागों और सर्पों की पूजा का विधान है। पौरिणिक मान्यता के अनुसार नागपंचमी के दिन अनंत या शेष नाग, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक नाग का स्मरण और पूजन करना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें नाग पंचमी के दिन करने से सर्प दोष से मुक्ति और धन- सम्पदा की प्राप्ति होती है..
इस दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर या मिट्टी से नाग देवता की आकृति बना कर उनका पूजन करें। ऐसा करने से नाग देवता प्रसन्न होकर सर्प दोष, सर्प भय से मुक्ति प्रदान करते हैं साथ ही घर में समृद्धि का आगमन होता है।
नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवा कर शंकर जी के मंदिर में या नाग देवता के मंदिर में चढ़ाने से कुण्डली से सर्प दोष तो दूर ही होता है, साथ ही धन लाभ भी होता है।
नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन और स्वास्तिक का पूजन करें। नाग-नागिन के जोड़े को दूध चढ़ाएं और स्वास्तिक पर बेल पत्र अर्पित कर ऊं नागेन्द्रहाराय नमः मंत्र का जाप करें। इन अभिमंत्रित नाग-नागिन के जोड़े को भगवान शिव को अर्पित कर दें और स्वास्तिक को गले में धारण करें। ऐसा करने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
कुण्डली में राहु-केतु की महादशा के कारण बिगड़ते काम को बनाने के लिए चांदी या पंच धातु के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
नोट: इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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