Ind vs Pak: पाकिस्तान में जारी गंभीर आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है। पीएम शरीफ ने भारत का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है और वह अपने पड़ोसी देश से बात करने को तैयार हैं। शहबाज शरीफ यहां 1965 (कश्मीर युद्ध), 1971 युद्ध (बांग्लादेश बंटवारा), 1999 (कारगिल युद्ध) का जिक्र कर रहे थे, तीनों में ही पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी।
पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट के मुताबिक, इस्लामाबाद में पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम शरीफ ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है, हमें अपना ख्याल रखना है और अपने देश का निर्माण करना है, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ ही हम बात करने के लिए तैयार हैं, बर्शते वे मामलों पर चर्चा करने में गंभीर हों।
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। वर्ष 1947 में दोनों देशों की आजादी के बाद से लेकर अब तक तीन युद्ध हो चुके हैं। वहीं, हाल के वर्षों में रिश्तों में कड़वाहट इस कदर बढ़ चुकी है कि दोनों देशों के बीच हर तरह की वार्ता बंद है।
हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अब कोई जंग न लड़ने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जंग अब कोई विकल्प नहीं है। पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति देश है। उन्होंने कहा कि परमाणु क्षमताएं किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि उद्देश्यों के लिए हैं। हमने पिछले 75 सालों में तीन जंगें लड़ीं, जिससे गरीबी, बेरोजगारी और संसाधनों की कमी पैदा हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खुदा न करे अगर परमाणु युद्ध हो जाए तो यह बताने को कौन जिंदा बचेगा कि क्या हुआ? यह विकल्प नहीं है।
पाकिस्तान एक तरफ शांति की बात कर रहा है लेकिन वह अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा करने में पीछे नहीं है। बीते एक साल में ही उसने 5 परमाणु हथियार अपने खाते में जोड़ लिए हैं। जून 2023 में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पिछले एक साल में 60 परमाणु हथियार बढ़ाए हैं। वहीं रूस ने 12, पाकिस्तान ने 5, नॉर्थ कोरिया ने 5 और भारत ने 4 हथियार बढ़ाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान परमाणु हथियार के मामले में भारत से आगे है। उस पर 170 परमाणु हथियार हैं। जबकि भारत पर 164 हथियार हैं।
पीएम शहबाज ने कहा कि लेकिन यह उतना ही अहम है कि हमारा पड़ोसी ‘भारत’ यह समझे कि हम तब तक सामान्य नहीं सकते जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता है और गंभीर मुद्दों को शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा के माध्यम से संबोधित नहीं किया जाता है। इस दौरान पाकिस्तान की खस्ता आर्थिक हालत को लेकर भी बात करते हुए पीएम शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान 6 ट्रिलियन डॉलर के खनिज भंडार का घर होने के बावजूद लाभ उठाने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम इसके लिए अपने अलावा किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकते।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की यात्रा की कहानी दिल दहला देने वाली है, लेकिन अगर हम शिखर सम्मेलन में दिए गए भाषणों और प्रस्तुतियों को पूरी तरह अमल में लाएं तो ‘हम अपने पिछले गौरव को प्राप्त कर सकते हैं’। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को गुलामी और भारतीय आधिपत्य से छुटकारा दिलाने के लिए एक गंभीर सर्जिकल ऑपरेशन की जरूरत है।
पाकिस्तान की तरफ से अहिंसा की वकालत ऐसे वक्त में की गई है जब वह खुद अंदरूनी खतरों से जूझ रहा है। बीते हफ्ते ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रैली के दौरान सुसाइड हमला हुआ, जिसमें 54 लोगों की जान चली गई। साल 2023 के शुरुआती सात महीनों में ही वहां 18 सुसाइड हमले को चुके हैं, जिसमें 200 लोगों की जान गई, वहीं 450 से ज्यादा इन हमलों में जख्मी हुए।
इतना ही नहीं पाकिस्तान में महंगाई भी चरम पर है। इसी के साथ कई हिस्सों में अलग मुल्क बनाने की मांग भी तेज हो रही है। बावजूद इसके वह भारत के खिलाफ आतंकवादियों को तैयार करने की अपनी नापाक हरकत जारी रखे हुए है। उसकी तरफ से भारत में घुसपैठ, हथियार -ड्रग्स भेजना जारी ही है। पाकिस्तान के इसी रवैये की वजह से भारत ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक जम्मू-कशमीर में आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करेगा तब तक रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।
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