रायपुर से कुलेश्वर पांडे की रिपोर्ट। CG Elections 2023: चुनाव के पहले जारी की गई जेपी नड्डा की केंद्रीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ. रमन सिंह के साथ अब लता उसेंडी और सरोज पांडेय को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, जिसके छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में अब मायने निकाले जाने लगे हैं।
प्रदेश के नेताओं को महत्व
छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी का सपना देख रही बीजेपी प्रदेश के नेताओं को लगातार राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दे रही है। पहले विष्णुदेव साय और धरमलाल कौशिक को राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया और अब बीजेपी ने रमन सिंह के साथ सरोज पांडेय और लता उसेंडी के लिए भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है, जिसे बस्तर और दुर्ग को साधने की रणनीति मानी जा रही है। साथ ही इसके जरिए बीजेपी महिला वोटर्स को भी साधना चाहती है।
जातिगत समीकरण साधना हैं
बीजेपी इस फैसले के जरिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधना चाहती है। एक तरफ बिलासपुर से जहां OBC वर्ग के धरमलाल कौशिक, तो वहीं सरगुजा संभाग से आदिवासी चेहरे विष्णुदेव साय को स्थान दिया गया है। दुर्ग से सवर्ण चेहरा सरोज पांडेय और बस्तर से आदिवासी नेता लता उसेंडी को टीम में जगह दी गई है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते डॉ. रमन सिंह पहले ही टीम में बतौर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शामिल रहे हैं। इस फैसले से बीजेपी जहां प्रदेश में पार्टी को मजबूती मिलने की बात कह रही है, तो वहीं कांग्रेस इसपर चुटकी ले रही है।
बीजेपी का यह फैसला इसीलिए अहम
बीजेपी का यह फैसला आगामी विधानसभा के साथ ही लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी अहम माना जा रहा है। पार्टी प्रदेश के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देकर क्षेत्रीय समीकरणों के साथ ही जातीय समीकरण भी सेट करने कोशिश कर रही है, लेकिन इस फैसले का आगामी चुनावओं में बीजेपी को कितना फायदा मिलेगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा।
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