रायपुर। दो तस्वीरें ये दो तस्वीरें हम आपकों एक साथ इसलिए दिखा रहे है। क्योंकि ये दोनो एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। पहली तस्वीर ये तस्वीर है छत्तीसगढ़ के सुकमा में बच्चों को रहने के लिए बनाए गए पोटा केबिन की जहां 22 जुलाई की रात सरकारी हॉस्टल में रहने वाली पहली क्लास की बच्ची के साथ रेप हुआ।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उठाया मुद्दा
अब बात दूसरी तस्वीर की जो है राज्यसभा के अंदर की छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति पर बोल रहे है। सरकार के तमाम दावे और वादे उस वक्त कटघरे में खड़े हो जाते है जब सुकमा जैसी घटना सामने आती है।
कहां है जिम्मेदार
इधर सुकमा में पहली में पढ़ने वाली बच्ची से रेप हुआ। तो जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। प्रदेश के डिप्टी सीएम सुकमा की घटना के बजाय मणिपुर में महिलाओं पर हुए अत्याचार प्रधानमंत्री और मणिपुर के मुख्यमंत्री से जबाव मांगते नजर आए।
कांग्रेस का सुकमा पर सन्नाटा, मणिपुर पर मुखर
इधर सुकमा में हुई घटना के बाद बीजेपी को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया। वो इसका फायदा भी जमकर उठा रही है। वहीं कांग्रेस खुद को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है। सरकार और विपक्ष अपनी-अपनी राजनीति चमकाने में लगा हुआ है। लेकिन मुद्दा बड़ा है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि प्रदेश में बच्चियां महफूज है। बरहहाल,चुनावी साल में प्रदेश की बच्चियों और महिलों की सुरक्षा पर चर्चा राजनीति से ज्यादा जरूर है।
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