रायपुर। अपनी पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई ओलंपिक को लेकर प्रदेश की जनता में खासा उत्साह है।
युवाओं में उत्साह माहौल
पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए CM भूपेश बघेल के निर्देशन में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर प्रदेश के बच्चों से लेकर बुजुर्गों में और महिलाओं से लेकर युवाओं में खासा उत्साह है यह खेल आयोजन राज्य में छिपी हुई खेल प्रतिभा को खेल के मैदान तक लाने में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
जिसके माध्यम से राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान हो सकेगी और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार किया जा सकेगा। यानी यह खेल आयोजन राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेल में केरियर बनाने का एक सुनहरा मौका प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेल शामिल
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का उद्देश्य अच्छा खेल वातावरण तैयार करना है जिससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को मंच मिल सके छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया है जिनमें गिल्ली-डंडा, लंगड़ी दौड़, पिट्ठू, संखली, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, कंचा, गोड़ी दौड़, फुगड़ी, भौंरा, 100 मीटर, दौड़, लंबी कूद और बिल्लस शामिल किया गया है।
3 वर्गों में होता है ओलंपिक
ओलंपिक 3 वर्गों में होता है। पहला वर्ग 18 साल तक की उम्र तो वहीं दूसरा वर्ग 18 से 40 साल तक की आयु, और तीसरा वर्ग 40 साल और उससे ज्यादा उम्र का है। इस प्रतियोगिता में महिला-पुरुष दोनों शामिल हो सकते है।
स्वस्थ शरीर स्वस्थ समाज का निर्माण करता है और स्वस्थ समाज स्वस्थ प्रदेश का इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की और आज प्रदेश की जनता छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग ले रही है और मेडल जीतकर प्रदेश के मुखिया का धन्यवाद दे रही है।
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