Ganesh Chaturthi Muhurat 2023: हिन्दू धर्म के अनुसार कोई भी शुभ कार्य शुरु करने से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सारी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं, 2023 में गणेश चतुर्थी के पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है और इससे जुड़ी कुछ विशेष बातें।
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2023
साल 2023 में गणेश चतुर्थी में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। अंग्रेजी महीने के अनुसार यह सितंबर माह की 19 तारीख को पड़ रही है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में गणेश चतुर्थी की पूजा-अर्चना करने का समय निश्चित है।
मान्यतानुसार इस मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से भगवान श्रीगणेश की आराधना करने से साधकों के सभी मनोवांछित काम पूरे हो जाते हैं।
◾ गणेश-पूजन दिवस (वार): गुरुवार
◾ गणेश-पूजन शुभ मुहूर्त: सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 PM बजे तक
◾ गणेश पूजन की कुल अवधि: 02 घंटे 27 मिनट
(यह अवधि इस पूजा के लिए विशेष फलदायी है)
इस समय हुआ था भगवान गणेश का जन्म
सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार, गणेशजी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को दोपहर में हुआ था. पचांग के अनुसार, इस दिन स्वाति नक्षत्र में सिंह लग्न में उनका जन्म हुआ था।
इसे गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। साल 2023 में गणेश चतुर्थी 19 सितंबर दिन गुरूवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि अगर यह चतुर्थी रविवार या मंगलवार के दिन हो, तो यह महाचतुर्थी हो जाती है।
इस समय न करें चंद्र-दर्शन
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाद्र (भादो ) माह की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन करना अच्छा नहीं माना जाता है। इसे भूल से देखना निषेध है।
साल 2023 में चंद्रमा को दो तिथियों यानी 18 और 19 सितंबर को नीचे दिए गए समय में चंद्र-दर्शन न करें:
◾ 18 सितंबर: 12:39 PM से 08:10 PM तक
◾ 19 सितंबर: 09:45 AM से 08:44 PM तक
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
यूं तो गणेश चतुर्थी के दिन भूल से भी चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। लेकिन गलती से चंद्रमा का दर्शन हो जाए तो इसके निवारण के लिए इस चन्द्र दर्शन दोष निवारण मंत्र का जाप करें:
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
यह मंत्र श्रीमद्भागवत के 10वें स्कन्द के 57वें अध्याय का है। इस मंत्र का उच्चारण तकरीबन 27, 54 या 108 बार करने से चन्द्र दर्शन से मुक्ति मिलती है।
गणेश-पूजन में नहीं होता है इसका उपयोग
शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा-अर्चना में भूल कर भी तुलसी के पत्ते का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि तुलसी को छोड़कर बाकी सब पत्र गणेशजी को प्रिय है। बता दें, भगवान गणेश ने तुलसी को उनकी साधना भंग करने के कारण शाप दिया था कि वे अपनी पूजा में तुलसी-पत्र का को स्वीकार नहीं करेंगे. इसके बदले उनको दूर्वा यानी दूब घास अतिप्रिय है।
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