लॉस एंजिलिस। फिल्म निर्माता जेम्स कैमरून ने टाइटन पनडुब्बी हादसे पर फिल्म बनाने की अटकलों को शनिवार को खारिज किया। टाइटैनिक जहाज के मलबे का दीदार करने के लिए टाइटन में सवार होकर गहरे समुद्र में उतरे पांच लोगों को 18 जून को इस पनडुब्बी में विस्फोट होने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
कैमरून ने 1997 में टाइटैनिक जहाज के एक बर्फीली चट्टान से टकराने के बाद समुद्र में डूबने की घटना पर आधारित फिल्म ‘टाइटैनिक’ का निर्देशन किया था। उन्होंने टाइटन हादसे पर फिल्म बनाने की अटकलों की शनिवार को ट्विटर पर सार्वजनिक रूप से निंदा की। कैमरून ने लिखा, “मैं आमतौर पर मीडिया में प्रसारित आपत्तिजनक अफवाहों पर प्रतिक्रिया नहीं देता, लेकिन मुझे ऐसा करना पड़ रहा है।
मैं टाइटन हादसे पर फिल्म बनाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं और न ही मैं कभी ऐसा करूंगा।” कैमरून (68) ने हाल ही में एक अमेरिकी अखबार से बातचीत में कहा था कि वह टाइटन पनडुब्बी और टाइटैनिक जहाज से संबंधित हादसों में मौजूद ‘समानताओं से चकित’ हैं। पिछले महीने, अमेरिकी तटरक्षक बल ने कहा था कि टाइटन की खोज के दौरान मिला मलबा हादसे के शिकार हुए ‘टाइटैनिक जहाज के मलबे से मेल खाता है।’
टाइटन में हुए विस्फोट में पनडुब्बी की मलिकाना हक वाली कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टॉकटन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद तथा हामिश हार्डिंग और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट मारे गए थे।
1912 में सागर में डूब गया था टाइटैनिक
टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प इंजन चालित यात्री जहाज था। अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में अपनी पहली यात्रा पर रवाना होने के चार दिन बाद यह एक हिम शैल से टकराने के बाद डूब गया था। पिछले साल रोड आइलैंड के तट के पास इस जहाज का मलबा पाया गया था।
ये भी पढ़ें:
Monsoon Travel: घूमने के लिए जोखिम में न डालें अपना जान, बारिश के दौरान इन जगहों पर जाने से बचें
Chitrakote Falls Chhattisgarh: मानसून सीजन में घुमने के लिए ये है सबसे शानदार और सस्ती जगह