Delhi Flood News: राष्ट्रीय राजधानी हाल ही में हुई भारी बारिश और यमुना नदी में बाढ़ के कारण अभूतपूर्व बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रही है।
लगभग 45 वर्षों के बाद, नदी अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई। शहर के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए और हजारों लोगों को आस-पास के इलाकों से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
लाल किले की दीवारों तक पहुंची नदी
पानी खतरे के निशान को पार कर गया है और आस-पास के इलाकों में बह रहा है। ऐतिहासिक लाल किले से तस्वीरें सामने आईं, जिसमें नदी दीवारों तक दिख रही है।
इसके चलते इंटरनेट युजर्स यमुना की पहले और बाद की तस्वीरें शेयर करने लगे। इन तस्वीरों दिखाया गया है कि कैसे नदी कभी लाल किले की पिछली दीवार के पास बहती थी।
ट्विटर युजर हर्ष वत्स ने बाढ़ में डूबे लाल किले की एक तस्वीर और मुगल-युग की पेंटिंग की एक तस्वीर शेयर की। इसमें दिखाया गया है कि सदियों पहले वही क्षेत्र दिखाई देता था, जब यमुना नदी प्राकृतिक रूप से बहती थी।
यमुना ने अपने बाढ़ क्षेत्र को पुनः प्राप्त कर लिया
ट्विटर यूजर ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “एक नदी कभी नहीं भूलती! दशकों और सदियां बीत जाने के बाद भी, नदी अपनी सीमाओं पर फिर से कब्जा करने के लिए वापस आएगी। यमुना ने अपने बाढ़ क्षेत्र को पुनः प्राप्त कर लिया है।”
A river never forgets! Even after decades and centuries pass, the river would come back to recapture its borders. Yamuna reclaims it's floodplain. #Yamuna #DelhiFloods pic.twitter.com/VGjkvcW3yg
— Harsh Vats (@HarshVatsa7) July 13, 2023
इस दिनों यमुना नदी रविवार से खतरे के निशान से ऊपर है और बुधवार को 207.49 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है।
नदी का पानी राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक में भी घुस गया, जिससे उसके लॉन और रास्ते जलमग्न हो गए।
बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ तैनात
गुरुवार देर रात इंद्रप्रस्थ में दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के नियामक के क्षतिग्रस्त होने के बाद उफनती हुई यमुना के बाढ़ का पानी मध्य दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के प्रवेश द्वार तक भी पहुंच गया।
राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की लगभग सोलह टीमों को तैनात किया गया है।
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