बेंगलुरु। भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। भारत का तीसरा मून मन चंद्रयान-3 लॉन्च हो गई है। ये वो मिशन है जिस पर ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की नजर है। इस मिशन के जरिए ISRO की स्टडी करना चाहता है। भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 की सफ लॉन्चिग की थी। इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया था। लेकिन इसका सेंडर बांद पर सेटिंग कर पाया था।
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches #Chandrayaan-3 Moon mission from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota.
Chandrayaan-3 is equipped with a lander, a rover and a propulsion module. pic.twitter.com/KwqzTLglnK
— ANI (@ANI) July 14, 2023
दूसरे मिशन का ही फॉलोअप है। इस मिशन से देश को काफी उम्मीदें। चंद्रयान-3 पर इसरो ने 615 करोड़ रुपए खर्च किये हैं।खास बात ये है कि चंद्रयान-3 का कुल खर्च चंद्रयान मिशन-2 की तुलना में कम है।
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।
इसरो ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘(एमआरआर) बोर्ड ने प्रक्षेपण को अधिकृत कर दिया है। उल्टी गिनती कल से शुरू होगी।’’ अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस सप्ताह प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-3 मिशन के लिए संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का 24 घंटे का ‘‘प्रक्षेपण पूर्वाभ्यास’’ किया। मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम3) से अपराह्न 2:35 बजे प्रक्षेपित करने की योजना है।
आदिपुरुष फिल्म के बजट से सस्ता चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपए है, जबकि हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष की कॉस्ट 700 करोड़ रुपए थी। यानी चंद्रयान-3 इस मूवी की कॉस्ट से करीब 85 करोड़ रुपए सस्ता है। इससे 4 साल पहले भेजे गए चंद्रयान 2 की लागत भी 603 करोड़ रुपए थी। हालांकि, इसकी लॉन्चिंग पर भी 375 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
14 जुलाई 2023 सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगी
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले पीएम मोदी ने मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं। भारत के स्पेस सेक्टर में 14 जुलाई 2023 की तारीख हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगी। हमारा तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं!
ऑनलाइन और टीवी पर लाइव देख सकेंगे लॉन्चिंग
ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग लाइव दिखाई जाएगी। दूरदर्शन पर भी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग लाइव देख सकते हैं। जो लोग सतीश धवन स्पेस सेंटर में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च को लाइव देखना चाहते हैं, उनके लिए स्पेस एजेंसी ने ivg.shar.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन शुरू किया था। अब रजिस्ट्रेशन बंद हो चुका है।
चंद्रयान-3 की 10 बड़ी बातें
- 14 जुलाई की दोपहर 2:35 बजे होगी लॉन्चिंग
- चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का है लक्ष्य
- चंद्रमा की धूल की स्टडी करेगा चंद्रयान-3
- पत्थरों के स्ट्रक्चर को समझने की होगी कोशिश
- GSLV MKIII या LVM3 रॉकेट से लॉन्चिंग
- चंद्रयान-2 का फॉलो अप है चंद्रयान-3
- चंद्रयान-3 पर 615 करोड़ रुपए खर्व हुए
- सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी लॉन्चिंग
- चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है
- अमेरिका, USSR और चीन ही मून पर लूनर लेडिंग में सफल हुए हैं
चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले वैज्ञानिकों ने तिरुमला में मंदिर में की पूजा-अर्चना
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले बृहस्पतिवार की सुबह तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिनके बृहस्पतिवार सुबह मंदिर पहुंचने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर आ गए।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने भी उनके मंदिर पहुंचने की पुष्टि की है। टीटीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जी हां, इसरो का दल तिरुमला आया लेकिन हमारी जनसंपर्क शाखा ने उनके दौरे को ‘कवर’ नहीं किया।’’ उन्होंने बताया कि मंदिर के अधिकारी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दौरे में व्यस्त थे। अधिकारी ने बताया कि इसरो के अधिकारी आम तौर पर मंदिर में अपने दौरे को जनता की नजरों से दूर ही रखते हैं।
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