शाजापुर से आदित्य शर्मा की रिपोर्ट
Shajapur News: जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के प्रधान कार्यालय में शाजापुर और आगर जिले के लिए नव नियुक्त 50 बैकिंग सहायक व कम्प्यूटर ऑपरेटरों का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बैंक प्रशासक व कलेक्टर किशोर कन्याल ने नवनियुक्त युवा कर्मचारियों से कहा कि उन्हें काम करने के लिए नए दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। काम के तरीके लगातार बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।
ग्राहकों का विश्वास और बैंकिंग-प्रणाली की गरिमा
बैंक प्रशासक व कलेक्टर किशोर कन्याल ने कहा, “ग्राहकों के भरोसे के लिए जिम्मेदार बैंक कर्मचारी, बैंकिंग प्रणाली की गरिमा सुनिश्चित करने के साथ-साथ ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। आने वाले समय में आपको बहुत सीखने और समझने का मौका मिलेगा।”
बता दें, बैंकिग व्यवहार में कर्मचारियों की कमी के कारण अमानतों का आम अमानतारों के बीच साख की कमी थी जो अब नव नियुक्त बैंकिंग सहायकों व कम्प्यूटर ऑपटरों की पूर्ति होने से लक्ष्यों की पूर्ति में सहायता मिलेगी।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अब अधिक साख-सुविधाएं
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों और किसानो को ऋण प्रदान कराने का कार्य करने के साथ अधिक से अधिक नये खाते धारको को बैंक से जोड़ने के लिए प्रेरित करना होगा ताकि हमारी यह संस्था तेजी से और आगे बढ़ सके।
शाजापुर व आगर जिले की कृषि अर्थ व्यवस्थाऐं में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करें। बैंक के आर्थिक हितों के लिए पूरे समर्पण भाव से नीतियों का निर्माण एवं कार्य निष्पादन की सामयिक समीक्षा करते रहें। आपके माध्यम से ही बैंक अपने आर्थिक क्षमता का विकास कर सकता है और जिले में कर्मचारी, अधिकारियों के अर्थक प्रयास स्वस्थ्य बैंकिंग व्यवस्था के निर्माण में सफल रहता है।
प्रशिक्षण को सीईओ आर.के.दुबे ने संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को ऋण वितरण, वसूली और अन्य बैंकिग गतिविधियों में दिये गये लक्ष्य से अधिक उपलब्धि प्राप्त करना होगा। आप रचनात्मक सुधार की गतिविधियों का वार्षिक कैलेण्डर बनायें और लक्ष्य तय करें। उन्हौने कहा कि सहकारी बैंकों को भी दूसरे सामान्य बैंकों की तरह गतिविधियाँ संचालित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बैंक हैं, तो बैंकिंग की गतिविधियाँ होना चाहिये।
कर्मचारियों को बैंकिंग बिजनेस से जनरेट राजस्व से मिलता है वेतन
उन्होंने कहा कि बैंक के कर्मचारियों को बैंकिंग बिजनेस से जनरेट राजस्व से ही वेतन दिया जाता है। इसलिए कर्मचारियों को स्वयं चिंतन करना होगा और अपने बैंकों के संचालन की गतिविधियों का विश्लेषण कर उनमें सुधार लाने के लिये हर संभव प्रयास करना होगा। इस दौरान उप आयुक्त सहकारित ओ.पी.गुप्ता, जिला विपणन अधिकारी प्रवीण रघुवंशी, नागरिक आपूर्ति निगम प्रबन्धक के.एल.परमार, बैंक प्रबन्धक एन.के.गुप्ता, के.के.नागर, अजय बोस उपस्थिति थे।
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