शांतिकुंज (हरिद्वार)। गुरु पूर्णिमा 2023 के अवसर पर हरिद्वार स्थित शांतिकुंज आश्रम में तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा उत्सव शुरू हुआ। अपने गुरुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए भक्त और श्रद्धालु बड़ी संख्या आश्रम पहुंच रहे हैं।
चरण-पादुका का दर्शन कर संकल्प लिया
आश्रम में भक्तों ने ध्यान, साधना और हवन के साथ गुरु को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यकर्ताओं ने अपने आराध्य गुरुदेव की पावन चरण-पादुका का दर्शन कर उनके बताए सूत्रों को पालन करने का संकल्प भी लिया।
शांति के मार्ग पर चलने का आह्वान
यहां आयोजित सत्संग को संबोधित करते हुए पं. शिवप्रसाद मिश्र ने माता भगवती देवी शर्मा के योगदान को याद करते हुए गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उनके बताए आध्यात्मिक और शांति के मार्ग पर चलने के लिए आह्वान किया।
सदगुरु हैं सफलता की सीढ़ी
डॉ. ओपी शर्मा के कहा कि किसी व्यक्ति को अध्यात्म की दिशा में बढ़ने के लिए उन्हें सदगुरु और माता-पिता की जरूरत होती है। संसाधन के लिए माता-पिता और आंतरिक ऊर्जा को विकसित करने के सदगुरु के अनुशासनों का पालन करते हुए शिष्य या साधक सफलता की सीढ़ी चढ़ता है।
शांतिकुंज गायत्री परिवार
गायत्री परिवार की स्थापना आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने की थी। गुरु पूर्णिमा भारत में गायत्री परिवार और कई अन्य आध्यात्मिक समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
यह हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ (जून-जुलाई) महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन पड़ता है। यह त्यौहार गुरुओं, शिक्षकों और जीवन में आध्यात्मिक व्यक्तित्वों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए समर्पित है, जो अपने शिष्यों को ज्ञान और मार्गदर्शन करते हैं।
ये भी पढ़ें:
Kaam Ki Baat: केन्द्रीय कर्मचारियों को इस महीना मिला शानदार तोहफा, महंगाई भत्ते में जोरदार इजाफा
Bharatiya Janata Party: तेलंगाना में पार्टी नेतृत्व पर मंडराया खतरा, जाने कौन संभालेगा पार्टी
UPSC IFS Final Result: यूपीएससी IFS का फाइनल रिजल्ट जारी, ऐसे करें चेक
Guru Purnima 2023: इस दिन है गुरु पूर्णिमा, जानें क्या है इसका इतिहास और महत्व