नई दिल्ली। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को राज्यों से मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के प्रयास करने का आग्रह किया।
कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल माध्यम से की बातचीत
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने राज्यों से कृषि और किसानों के लिए यूरिया का अन्य क्षेत्रों में उपयोग कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। मंडाविया ने उर्वरक क्षेत्र के संबंध में मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में लिए गए फैसलों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत करते हुए यह बात कही।
यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहेगी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 28 जून को राज्यों को वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना – पीएम-प्रणाम योजना को मंजूरी दी और 3.68 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मार्च 2025 में समाप्त होने वाले तीन वर्षों के लिए वर्तमान यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने का भी निर्णय लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मंडाविया ने कहा, ‘यह पैकेज टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देकर किसानों के समग्र कल्याण और आर्थिक भलाई पर केंद्रित है। यह पहल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, प्राकृतिक और जैविक खेती को मजबूत करेगी, मिट्टी की उत्पादकता को पुनर्जीवित करेगी और साथ ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।