नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज 2 दिन के लिए दिल्ली से रवाना हुए। वह हिंसा (Manipur Violence) प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर रवाना हो गए हैं।
लेकिन सत्ताधारी बीजेपी सरकार ने राहुल गांधी को इंफाल में जनता से मिलने की इजाजत देने से इनकार कर दिया।
शांति अभियान के लिए सेना तैनात
पिछले दो महीनों से मणिपुर राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर दो समूहों के बीच हिंसा (Manipur Violence) भड़की हुई है।
भीषण हिंसा के कारण मणिपुर राज्य हिंसा का केंद्र बन गया है। शांति अभियान चलाने के लिए वहां सेना तैनात की गई है।
मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने सीधा मैदानी दौरा किया। उसके बाद सेनाएं वहां केंद्रित हो गईं।
हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना ने सघन गश्त शुरू कर दी है।
कांग्रेस पार्टी ने किया कड़ा विरोध
राहुल गांधी ने हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की। लेकिन मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
पुलिस ने राहुल गांधी को जनता से मिलने से रोक दिया। बिष्णुपुर इलाके में राहुल गांधी की कार रोकी गई।
कांग्रेस पार्टी ने इसका कड़ा विरोध किया। कांग्रेस समेत विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि मणिपुर में हिंसा बीजेपी के रवैये के कारण हुई।
विपक्षी दल कर रहे सरकार की आलोचना
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे का कहना है कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार मणिपुर (Manipur Violence) में सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रही है।
प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। जब तक बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को नहीं हटाया जाता तब तक राज्य में शांति की कोई संभावना नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को हटाने पर जोर दिया। अन्य विपक्षी दल भी बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
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