जगदलपुर से रजत वाजपेयी की रिपोर्ट। CG Jagdalpur News: इस बार मानसून भी सुरक्षा बल के जवानों के कदम नहीं रोक पाएगा। जवानों को इस तरह से ट्रेंड किया गया है, ताकि वे तेज बारिश के दौरान भी जंगलों में न सिर्फ गश्त कर पाएंगे, बल्कि खुफिया विभाग से मिलने वाली जानकारियों को आधार पर ऑपरेशंस भी करेंगे।
बस्तर के जंगल सुरक्षित ठिकाना
बस्तर के जंगल माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना माने जाते हैं। बारिश के दिनों में नदी-नाले उफान पर होते हैं, जिसके कारण नक्सली भी संगठन विस्तार के काम में जुटे रहते हैं। इलाके में पिछले कुछ समय में पुल-पुलिए बनकर तैयार हुए हैं, जिसके कारण भीतरी इलाकों में अब आवागमन की दिक्कत नहीं रह गई है। यही वजह है कि इस साल मानसून में भी जवान जंगलों तक जाकर माओवादियों के छक्के छुड़ाएंगे।
तो नक्सलियों को पीछे हटना पड़ेगा
जानकार भी मानते हैं कि अगर फोर्स का भीतरी इलाकों में मूवमेंट रहेगा तो नक्सलियों को पीछे हटना पड़ेगा। ऐसे में न केवल माओवाद की समस्या कम होगी, बल्कि इलाके के विकास को भी गति मिलेगी। बारिश पहले की तरह अब जवानों के लिए बाधा नहीं बनती।
मानसिक-शारीरिक रूप से ट्रेंड किया
बारिश के दिनों में अभियान की सफलता को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ने के निर्देश हैं। जवानों को मानसिक और शारीरिक रूप से ट्रेंड किया गया है। 21-22 में प्रयोग के तौर पर किए गए कई ऑपरेशंस की वजह से फोर्स को अनुभव भी हो चुका है। हर मौसम में आवश्यकता के अनुरुप फोर्स के लिए तैयारी जरुरी होती है। इस बार भी पुलिस आशातीत सफलता की आस लगाए बैठी है।
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