RBI Governor Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद एक महीने के भीतर कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा (2.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक) नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।
अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय बैंक ने 19 मई को अचानक से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय किया था। लोगों से बैंक जाकर 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा करने या दूसरे मूल्य के नोट से बदलने को कहा गया है। मूल्य के हिसाब से मार्च 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट 2,000 रुपये के थे।
दो तिहाई से ज्यादा नोट आएं वापस
दास ने कहा कि, ‘‘चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के बाद कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा यानी 2.41 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मोटे तौर पर 2000 के लगभग 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आये हैं।
इससे पहले, आठ जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस आ गये हैं। यह चलन में मौजूद 2,000 रुपये के कुल नोट का लगभग 50 प्रतिशत था। इसमें मोटे तौर पर 85 प्रतिशत बैंक शाखाओं में जमा हुए हैं जबकि अन्य को दूसरे मूल्य के नोट से बदला गया।
चालू वित्त वर्ष में हो सकती है आर्थिक वृद्धि
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का 2,000 रुपये के नोट चलन से वापस लेने से खपत में तेजी आ सकती है और इससे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हम 2000 रुपये के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद कर रहे हैं। यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि आरबीआई के अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।’’
आर्थिक वृद्धि से संबंध नही
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस रिपोर्ट पर दास ने कहा, ‘‘जब 2,000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला किया गया, उसका आर्थिक वृद्धि से कोई संबंध नहीं था। इस फैसले का जो भी नतीजा होगा, उसका पता बाद में चलेगा लेकिन एक चीज मैं आपको स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपये का नोट वापस ले रहे हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। बाकी कितना सकारात्मक परिणाम आता है, वह आगे पता चलेगा।
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