International Yoga Day 2023 Theme: योग से होने वाले लाभ से लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के रूप में मनाया जाता हैं। आज के दौर में बदलती लाइफस्टाइल, खान-पान और व्यस्तता की वजह से शारीरिक श्रम और एक्सरसाइज के लिए समय की कमी और तनाव के कारण लोग नई-नई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इन समस्याओं से निपटने और निजात पाने के लिए योग एक विश्वसनीय, कारगर और सुलभ उपाय है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हर सुबह या दिन में अपना थोड़ा समय निकालकर योग करने से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। तो वहीं योग के नियमित अभ्यास से बहुत से रोगों में सुधार होने लगता है। साथ ही, दिन की शुरुआत योग से करने पर हम पूरे दिन ऊर्जवान बने रहते हैं।
कब हुई योग दिवस मनाने की शुरुआत?
भारत में योग का इतिहास कई सदियों पुराना है। परंतु अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत कुछ वर्ष पहले ही हुई है। साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव रख कर इसकी पहल की थी। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिसमें 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्यों ने 21 जून को इंटरनेशनल योग डे के रूप में मनाने लिए प्रस्ताव पर सहमति दी।
इस दिन पहली बार मनाया गया इंटरनेशनल योग डे
संयुक्त राष्ट्र महासभा की मंजूरी के बाद 21 जून, 2015 को पूरी दुनिया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस यानी इंटरनेशनल योग डे (International Yoga Day) मनाया गया था। जिसका आयोजन बहुत ही भव्य तरीके से किया गया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। इस साल पूरा विश्व 21 जून, 2023 को 9वां योग दिवस मनाएगा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम – International Yoga Day 2023 Theme
योग से न केवल हमें शारीरिक और स्वास्थ्य लाभ होता हैं, बल्कि योग से हमें मानसिक लाभ भी होता हैं। इसके प्रति लोगों में जागरूकता और उत्साह बढ़ाने के लिए हर साल योग दिवस की एक थीम चुनी जाती है।
इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 (International Yoga Day 2023) ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत पर ‘वन वर्ल्ड, वन हेल्थ’ (One World, One Health) रखी गई है। इस थीम को आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है।
क्या थी पिछले वर्षों की थीम
जहां तक पिछले वर्षों के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम की बात है, तो इसे नीचे दी गई लिस्ट में देख सकते हैं:
क्र.सं. | वर्ष | थीम |
1 | 2015 | सद्भाव और शांति के लिए योग (Yoga for Harmony & Peace) |
2 | 2016 | युवाओं को जोड़ो (Connect the Youth) |
3 | 2017 | स्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for Health) |
4 | 2018 | शांति के लिए योग (Yoga for Peace) |
5 | 2019 | हृदय के लिए योग (Yoga for Heart) |
6 | 2020 | स्वास्थ्य के लिए योग – घर पर योग (Yoga for Health – Yoga at Home) |
7 | 2021 | कल्याण के लिए योग (Yoga for Wellness) |
8 | 2022 | थीम मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity) |
भारत में योग की परंपरा
आपको बता दें, लगभग 200 ईसा पूर्व में महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र (Patanjali’s YogaSutra) ग्रंथ लिखा था। महर्षि पतंजलि को ही योग का जनक (Father of Yoga) माना जाता है। उन्होंने ‘अष्टांगयोग’ (Ashtanga Yoga) यानी योग के आठ अंग तैयार किए। इनमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि शामिल हैं।
इसके बाद भारत के कई ऐसे योगगुरु हुए, जिन्होनें पुरी दुनिया में योग का प्रचार किया। इनमें धीरेंद्र ब्रह्मचारी, कृष्ण पट्टाभि जोइस, बी.के.एस. अंयगर, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य, परमहंस योगानंद, स्वामी शिवानंद सरस्वती, महर्षि महेश योगी का नाम सबसे पहले आता हैं।
आज के समय में केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया योग के प्रचार में बाबा रामदेव का बहुत योगदान हैं। साथ ही आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरु श्री श्री रविशंकर भी योग के प्रसार लिए समर्पित हैं।