धमतरी से राजेश चावला की रिपोर्ट
धमतरी। Dhamtari News: आषाढ़ (Aashad Month) के महीने में 19 जून को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जानी है। ऐसे में धमतरी जिले के शताब्दी वर्ष पुराने मंदिर में भी इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ महास्नान के बाद अस्वस्थ्य हो गए हैं। जिसके बाद अब उन्हें गर्भ गृह में दाखिल कर दिया गया है। जिसके बाद अब काढ़ा पिलाकर उनका इलाज किया जा रहा है।
उड़ीसा के कलाकार देंगे रूप
छत्तीसढ़ के धमतरी (Dhamtari News) में स्थित इस एतिहासिक मंदिर में भगवान के विशेष श्रृंगार के लिए उड़ीसा से कलाकार आएंगे। छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक मात्र जिले का ऐसा मंदिर है जो करीब एक शताब्दी वर्ष पुराना माना जाता है। इस एतिहासिक मंदिर में
महास्नान के बाद अस्व्स्थ्य हुए प्रभु
धमतरी जिले के एकमात्र शताब्दी पुराने ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) में जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) 20 जून को होना प्रस्तावित है। जिसके लिए मंदिर ट्रस्ट ज़िला प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसकी शुरूआत हो भगवान के महास्नान के साथ हो चुकी है। परंपराओं के अनुसार प्रभु जगन्नाथ पूर्णिमा महा स्नान के साथ ही अस्वस्थ हो गए हैं। जिन्हें गर्भ गृह में विराजमान कर विशेष पूजा अर्चना करने के बाद उनके इलाज के लिए औषधि का काढ़ा पिलाया जा रहा है।
15 दिन पहले अस्वस्थ्य हो जाते हैं प्रभु
ऐसी मान्यता है कि रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) के 15 दिन पूर्व महा स्नान के साथ ही प्रभु अस्वस्थ हो जाते हैं। जिन्हें विराजित स्थल से गर्भ ग्रह में विराजमान कर औषधि जड़ी बूटी से निर्मित काढ़ा पिलाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं। मंदिर के पुजारी गौरव शर्मा ने बताया कि प्रभु जगन्नाथ को गर्भ गृह में विशेष पूजा पाठ के साथ काढ़ा पिलाया जा रहा है।
प्रसाद में बटेगा काढ़ा
भगवान के इलाज के लिए पिलाए गए काढ़ा को 15 जून से 18 जून तक भक्तो को मंदिर परिसर में प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि प्रभु को दिया जाने वाला काढ़ा जिस भी भक्त द्वारा ग्रहण किया जाता है। वह साल भर निरोगी रहता है। बता दें कि धमतरी जिले में भी उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर जगन्नाथ रथ यात्रा काफी वृहद और बड़े स्वरूप में मनाई जाती है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु ईकट्ठे होकर प्रभु जगन्नाथ के रथ यात्रा के साक्षी बनते हैं। वहीं 105 साल पुराना मंदिर काफी प्रख्यात है।