जगदलपुर से रजत वाजपेयी की रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नक्सली सुरक्षा बल के जवानों और उनके ठिकानों पर ड्रोन के जरिए नजर रख रहे हैं। प्रारंभिक पड़ताल में जो बातें सामने आई हैं, उससे पता चलता है कि बस्तर में सक्रिय माओवादी संगठनों के पास 10 से अधिक ड्रोन उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन उपलब्ध है ड्रोन
जानकारों के मुताबिक नक्सली जिस ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आसानी से उपलब्ध है। शादी समारोह में वीडियोग्रॉफर जिस ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं, यह वही है। इसे ऑपरेट करने के लिए विशेष दक्षता की भी आवश्यकता नहीं होती।
माओवादी उठा रहे लाभ
चूंकि ड्रोन खरीदने और बेचने को लेकर नीति तय नहीं है, इसलिए इसका लाभ अब माओवादी उठा रहे हैं। बस्तर में पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी इसे लेकर चिंता में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में नक्सलियों के सप्लाई नेटवर्क को तोड़ने में बस्तर पुलिस सफल रही है और प्रतिबंधित इलाकों में ड्रोन उड़ाने को लेकर कड़े नियम हैं।
कैंपों के आसपास दिख चुके ड्रोन
बीते कुछ समय से सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में सुरक्षा बलों के कैंपों के आसपास कई बार ड्रोन दिखाई दे चुका है। तेलंगाना के चेरला के नजदीक माओवादियों के कुरियर नागेश्वर राव, मल्लिकार्जुन राव और पोंगुलु उमाशंकर को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तब पूरा घटनाक्रम समझ में आया।
युध्द में ड्रोन का कर रहे उपयोग
उमाशंकर बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र पामेड़ का रहने वाला है। इनके पास से ड्रोन बरामद हुआ, जो वे नक्सलियों के पास लेकर जा रहे थे। इससे स्पष्ट हुआ है कि नक्सली अब सुरक्षा बल से युध्द में ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।
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