भोपाल। Damoh School Hijab: दमोह गंगा जमुना स्कूल हिजाब पोस्टर मामले में कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध लग रही है। ये बात स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही। शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस मामले में दमोह कलेक्टर औश्र डीईओ की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। इनके द्वारा पेश की गई रिपोर्ट भ्रमित करने वाली है। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में व्यापक जांच करने के निर्देश भी दिए हैं।
क्या कहना है इंदिर सिंह परमार का Damoh School Hijab
आपको बता दें दमोह की गंगा जमुना स्कूल के हिजाब पोस्टर मामले में स्कूलशिक्ष मंत्री ने कहा है कि DEO और कलेक्टर दोनों इस विद्यालय से मिले हुए हैं। दोनों ने जो रिपोर्ट दी वो सरकार को भ्रमित करने वाली है। हमने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि
दोनों की व्यापक जांच करवाई जाए।
स्कूल के पक्ष में दिया बयान Damoh School Hijab
आपको बता दें बीते दिनों स्कूल के बाहर कक्षा दसवीं के टॉपर्स का पोस्टर लगाया गया था। जिसमें हिन्दू लड़कियों को हिजाब पहने दिखाया गया था। जिसके बाद इस मामले में रोजाना एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इसी को लेकर आज स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। इसी के साथ डीईओ को हटाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। मीडिया से हुई बातचीत में कलेक्टर ने स्कूल के पक्ष में बयान दिया था। जिसके बाद अब सीएम पूरे मामले की समीक्षा कर रहे हैं।
बच्चों को सिखाई जाती हैं आयतें
बाल आयोग के अधिकारी द्वारा जब स्कूल के बच्चों से बात की गई तो पता चला कि स्कूल में बच्चों को अयातें सिखाई जाती थीं। साथ ही नमाज पढ़ने के लिए कहा जाता था। बच्चों द्वारा बताए अनुसार एक बार बच्चे घर पर आयतें पढ़ रहे थे तो घर वालों द्वारा पता चलने पर इस बात के लिए मना किया गया। इस बात की जानकारी जब बच्चों ने स्कूल में टीचर को बताई तो टीचर्स ने घर में चुपके से इस्लाम धर्म पढ़ने के लिए कह दिया।
बच्चों को पढ़ाई जाती थी नमाज
हिंदू बच्चियों को हिजाब पहनाने वाले दमोह के गंगा जमुना स्कूल की एक और करतूत का खुलासा हुआ है। हिन्दू बच्चों से स्कूल में नमाज पढ़वाई जाती थी। नमाज़ से इंकार करने पर बच्चों से मारपीट की जाती थी। इसका खुलासा इसी स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची ने किया है। स्कूल की छात्रा ने बताया कि स्कूल में इस्लामिक शिक्षा दी जाती थी। बच्चों पर परिजनों से धार्मिक शिक्षा की बात न बताने का दबाव था। उन्होंने बताया कि हिन्दू बच्चियों के लिए भी हिजाब अनिवार्य था और तिलक, कलावा जैसे हिन्दू प्रतीक स्कूल में प्रतिबंधित थे।
स्कूल के लॉकर्स में मिले इस्लामिक साहित्य
जिला बाल आयोग समिति के सदस्य दीपक तिवारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गंगा जमुना स्कूल में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। लॉकर्स में इस्लामिक साहित्य मिले हैं। जिसके माध्यम से बच्चों को अयातें पढ़ाई जाती थीं। इस बात की जांच हो रही है जब ये सिलेबस का विषय नहीं तो इसे रखने के पीछे क्या कारण है। आयोग के सदस्य तिवारी के अनुसार इस मामलें स्कूल के कई शिक्षकों के धर्मांतरण का मामला सामने आया है।
इस मामले में डीईओ ने दी थी क्लीन चिट
स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस मामले में डीईओ को हटाया गया है। बाल आयोग सदस्यों द्वारा जो देखा गया है वह बहुत गंभीर है। स्कूल चलाने वाले अगर धर्म की एकतरफता शिक्षा देना संदिग्ध है। साथ ही जिस प्रकार से कलेक्टर बार—बार स्कूल प्रबंधन के बचाव में आ रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा टेरर फंडिंग की आशंका, जांच हो
मध्य प्रदेश के दमोह गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल में राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम की जांच के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्कूल संचालकों का कनेक्शन टेरर फंडिंग से हो सकता हैं। जिसकी जांच होना चाहिए।