New Parliament Building Facts in Hindi: आजादी के 75वें वर्ष पर ‘अमृतकाल’ की तारीख 28 मई को नई दिल्ली में भारत के नए संसद भवन का विधिवत उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। नया संसद भवन भारत के 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं और उज्ज्वलता को समर्पित है। इस भव्य नई देशज संसद को गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक बताया जा रहा है। आइए जानते हैं, देश की जनता को समर्पित न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग से जुड़े तथ्य और रोचक बातें…
नए संसद भवन से जुड़े 100 तथ्य और रोचक बातें
1. नए संसद भवन की आधारशिला 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई।
2. नया संसद भवन ढाई वर्ष में बनकर तैयार हुआ है। इसका निर्माण 15 जनवरी, 2021 को सुचारू रूप से शुरू हुआ था।
3. परियोजना को पूरा करने की समय सीमा नवंबर, 2022 रखी गई थी, लेकिन ये मई 2023 में तैयार हुआ, जिसका विधिवत उद्घाटन 28 मई, 2023 को हुआ।
4. नया संसद भवन त्रिकोण आकार का है, लेकिन वास्तव में यह एक अनियमित षटकोण है। इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कराया गया है।
5. नया संसद भवन लगभग 65 हजार वर्ग मीटर (64,500 वर्ग मी.) में फैला है। यह एक चार मंजिला इमारत है।
6. नए संसद भवन को लगभग 60 हजार श्रमवीरों द्वारा निर्मित किया गया है।
7. नए संसद भवन की लागत कितनी है? इस नए भवन को बनाने में लगभग 862 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई थी। लेकिन, बाद में इसके निर्माण की कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
8. लगभग 23 लाख मानव दिवस से भी अधिक सृजित रोजगार से नई संसद का निर्माण कार्य पूरा किया गया। यह एक कीर्तिमान है।
नए संसद भवन की संरचना के प्रमुख तत्त्व
9. नए संसद भवन की संरचना (Structure of New Parliament Building) तीन राष्ट्रीय प्रतीकों को प्रमुखता दी गई है: पहला, राष्ट्रीय पुष्प कमल, दूसरा, राष्ट्रीय पक्षी मोर और तीसरा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद।
10. नए संसद भवन में प्रवेश के लिए छह (6) द्वार हैं, जो भारत की 6 ऋतुओं (षडऋतु) का प्रतिनिधित्व और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
11. नई संसद भवन के 6 द्वारों में 3 मुख्य द्वार और 3 उप-द्वार हैं। नए संसद भवन के द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘सत्यमेव जयते’ (Satyamev Jayate) लिखा हुआ है।
12. नई संसद भवन के तीनों मुख्य द्वार जल, थल और नभ (Water, Land and Sky) को समर्पित हैं।
13. जल द्वार पर जल को नमन करने और प्रतिनिधित्व को दर्शाने र्शाने के लिए मकर और हंस की प्रतिमा स्थापित की गई है।
14. नभ द्वार पर नभ यानी आकाश को नमन करने और प्रतिनिधित्व को दर्शाने के लिए शार्दूल और गरुड़ की प्रतिमा स्थापित की गई है।
15. थल द्वार पर थल यानी भूमि को नमन करने और प्रतिनिधित्व को दर्शाने के लिए अश्व (घोड़ा) और गज (हाथी) की प्रतिमा स्थापित की गई है।
16. नए संसद भवन के तीनों मुख्य द्वार—जल, नभ और थल द्वार—को क्रमशः ज्ञान द्वार (Gyan Dwar), शक्ति द्वार (Shakti Dwar) और कर्म द्वार (Karma Dwar) नाम दिया गया है। वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स का प्रवेश अलग-अलग द्वार से होगा।
17. नए संसद भवन में महत्वपूर्ण कामकाज के लिए अलग-अलग कार्यालय बनाए गए हैं। ये हाईटेक इक्विपमेंट और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
18. नए संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, अनेक समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान की व्यवस्था है।
राष्ट्रीय चिह्न सारनाथ सिंह की स्थापना
19. नए संसद भवन के ऊपर भवन के बीच में शीर्ष पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) अशोक स्तंभ के चार सिंह स्थापित हैं।
20. यह राष्ट्रीय प्रतीक कांस्य (Bronze) से बना है, जिसका कुल वजन 9500 किलोग्राम है।
21. इस राष्ट्रीय प्रतीक की ऊंचाई 6.5 मीटर है और इसको सपोर्ट करने के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की एक सहायक संरचना का भी निर्माण किया गया है।
22. नए संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक के निर्माण की अवधारणा का रेखाचित्र और प्रक्रिया आठ विभिन्न चरणों से गुजरी है, जिसमें मिट्टी प्रारूप/कंप्यूटर ग्राफिक से लेकर कांस्य ढलाई और पॉलिश करने तक की तैयारी शामिल हैं।
23. नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण पीएम नरेन्द्र मोदी ने 11 जुलाई, 2022 को किया था।
लोकसभा और राज्यसभा कक्ष की विशेषताएं
24. नई संसद भवन में कितने कमरे हैं? बता दें कि नई संसद भवन में लगभग 92 कमरे हैं। इसके एक भाग में लोकसभा और दूसरे भाग में राज्य सभा है। इस भवन का केंद्र स्थल हर भारतीय को समर्पित है।
25. नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में 888 और राज्यसभा कक्ष में 384 प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था है।
26. लोकसभा कक्ष की संरचना की डिज़ाइन भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित है। इस कक्ष की हर डिज़ाइन में मोर की आकृति और मोरपंख की झलक दिखती है।
27. लोकसभा कक्ष की दीवार, कालीन और कुर्सियों के कुशन के रंग को परम्परानुसार हरा रखा गया है। हरा रंग धरती और भारत की जनता का प्रतिनिधित्व करता है।
28. नया लोकसभा कक्ष आकार में पुराने संसद भवन के लोकसभा कक्ष से तुलना में लगभग दोगुना बड़ा है।
29. नया राज्यसभा कक्ष राष्ट्रीय पुष्प कमल से प्रेरित है, जिसके हर डिज़ाइन में कमल फूल की प्रतिकृति दिखती है।
30. राज्यसभा कक्ष की दीवार, कालीन और कुर्सियों के कुशन के रंग को परम्परानुसार लाल रखा गया है। लाल रंग राजसी गौरव का प्रतिनिधित्व करता है।
31. नया राज्यसभा कक्ष आकार में पुराने संसद भवन के राज्यसभा कक्ष से तुलना में लगभग डेढ़ गुना बड़ा है।
आधुनिक टेक्नोलॉजी और डिजिटल व्यवस्था
32. अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं दोनों सदनों (लोकसभा और राजसभा) को नया आयाम देती हैं। यहां सदन की कार्यवाही को विभिन्न भाषाओँ में पढ़ा और सुना जा सकता है।
33. दोनों सदनों (लोकसभा और राजसभा) में सदस्यों के लिए बायोमेट्रिक की सुविधा है।
34. नए संसद भवन में वोटिंग के परिणाम और सदन की कार्यवाही के प्रसारण के लिए विशाल मल्टी-मीडिया डिस्प्ले, ऑटोमेटिक कैमरा कंट्रोल और कमांड सेंटर का निर्माण किया गया है।
35. नया संसद भवन एक स्मार्ट संसद, एक स्मार्ट भवन है। यह पूरी तरह से पेपरलेस है।
36. यहां सुरक्षा और सुविधा के लिए स्मार्ट फीचर्स और स्मार्ट एक्सेस की व्यवस्था है।
37. नए संसद भवन की कैपेसिटी कितनी है? यदि दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो नए संसद भवन में एक समय में 1,280 प्रतिनिधि बैठ सकते हैं।
नई संसद भवन का सेंट्रल फोयर
38. नई संसद भवन के केंद्र में बने सेंट्रल फोयर की छत त्रिकोणीय शीशे से ढंकी है। जहां से सूर्य की किरणें छनकर फर्श पर बने पेंडुलम क्लॉक को रोशन करती है।
39. न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग में आंगन जैसी एक खुली जगह है। यहां बरगद पेड़ को लगाया गया है।
40. इस भवन में प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। सेंट्रल फोयर की त्रिकोणीय छत से जब सूर्य की किरणें फर्श से टकराती हैं, तो वह सदस्यों के निर्मित कक्ष, लाइब्रेरी और भोजन कक्ष में फ़ैल जाती हैं।
41. नए संसद भवन के केंद्र में बने सेंट्रल फोयर (Central Foyer) में संविधान कक्ष बनाया गया है। जहां हर कोई भारत में लोकतंत्र के अतीत से वर्तमान की यात्रा का अनुभव कर सकते हैं।
42. इसी सेंट्रल फोयर के संविधान कक्ष में भारत के संविधान की डिजिटल प्रति प्रदर्शित की गई है।
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ विचार का क्रियान्वयन
43. यह नया संसद भवन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना से प्रेरित है। यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक हैं। इस भवन के निर्माण में भारत के हर भाग को भागीदारी दी गई है।
44. इसे बनाने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट को 2020 के सितंबर में दिया गया था।
45. नया संसद भवन भारत के मशहूर आर्किटेक्ट बिमल पटेल के निर्देशन में बना है। वे गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं।
46. हालांकि, नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स ने किया है, लेकिन इसकी डिजाइन अहमदाबाद की कंपनी एचसीपी डिजाइन एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने बनाई है।
47. नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन इसे बनाने वाले श्रमवीरों को उनके काम और योगदान के लिए सम्मानित कर उनका आभार प्रकट किया।
नए संसद भवन की विशेषताएं
48. यह भवन इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ भूकंपरोधी भी है।
49. विकास और विरासत के अद्भुत इस नए संसद भवन में 1700 से अधिक दरवाजे और खिड़कियां हैं।
50. नई संसद भवन में लगभग 92 कमरे हैं। इसमें बने कॉरिडोर की कुल लंबाई 3.5 किलोमीटर से अधिक है।
51. इस संसद भवन को मॉडर्न ऑडियो-वीडियो कम्युनिकेशन और डाटा नेटवर्क सिस्टम की सुविधाओं सहित बनाया गया है।
52. नई संसद भवन में राष्ट्रीय पुष्प कमल राज्यसभा, राष्ट्रीय पक्षी मोर लोकसभा और राष्ट्रीय वृक्ष बरगद सेंट्रल लाउंज को दर्शाता है।
53. नई भवन की दीवारों और छतों पर जो पेंटिंग की गई है, वह फ्रेस्को विधि से की गई है। इसी विधि का उपयोग अजंता की गुफाओं के चित्रों में हुआ है।
54. नई भवन की दीवारों पर वेद और उपनिषदों के संस्कृत श्लोक को वर्णित किया गया है।
55. दिव्यांगो, विकलांगों, मरीजों और इमरजेंसी सेवा के लिए इसमें व्हीलचेयर की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है।
56. नए भवन में सभी मंत्रियों के लिए ऑफिस और सभी मंजिलों पर विजिटर्स और आम जनता के लिए सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था भी है।
57. इस भवन में महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था भी की गई है, जैसे- लाउंज और लेडीज टॉयलेट।
58. नए संसद भवन के निर्माण के दौरान भूमि, वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए आधुनिक उपकरणों की सहायता से आवश्यक कदम उठाए गए थे, ताकि नई दिल्ली और एनसीआर कर पर्यावरण प्रदूषित न हो।
पूरे भारत का प्रतिनिधित्व – कहां से क्या आया
59. सागौन की लकड़ी: नए संसद भवन में जिस सागौन की लकड़ी का उपयोग हुआ है, वह महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है।
60. लाल और सफेद बलुआ पत्थर: यह राजस्थान के सरमथुरा से लाकर लगाया गया है।
61. कालीन: नए संसद भवन में जो कालीन बिछी है, वह नगरी मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) से मंगवाए गए हैं।
62. स्टोन जाली वर्क्स: न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के स्टोन जाली वर्क्स की सामग्रियां राजस्थान और नोएडा से मंगवाए गए हैं।
63. अशोक चिन्ह: यह प्रतीक महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान की राजधानी जयपुर से मंगवाया गया है।
64. अशोक चक्र: नए संसद भवन की लोक सभा और राज्य सभा के हॉल में लगा अशोक चक्र मध्य प्रदेश के इंदौर से लाया गया है।
65. फर्नीचर: यहां लगे कुछ फर्नीचर मुंबई से मंगाए गए हैं।
66. फर्श बनाने के लिए बांस की लकड़ी: इसके लिए त्रिपुरा के अगरतला से बांस की लकड़ी मंगाई गई।
67. लाख/लाखा: यह जैसलमेर से मंगवाया गया है।
68. सफेद संगमरमर: यह राजस्थान के अंबाजी से मंगवाकर लगाया गया है।
69. केशरिया ग्रीन स्टोन: यह उदयपुर से मंगवाया गया है।
70. नक्काशी वाले पत्थर: नए संसद भवन में पत्थर पर सुन्दर और बारीक नक्काशी का काम भी हुआ है। ये पत्थर की नक्काशी वाले आइटम आबू रोड और उदयपुर से लाया गया है।
71. बिल्डिंग के पत्थर: पूरे पार्लियामेंट के लिए पत्थरों को राजस्थान के कोटपूतली से मंगवाया गया है।
72. एम-सैंड: पूरे पार्लियामेंट के निर्माण के लिए मैन्युफैक्चरिंग बालू हरियाणा के चरखी दादरी से लाया गया है।
73. फ्लाई ऐश ब्रिक्स: यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लाकर लगाया गया है।
74. ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच: न्यू पार्लियामेंट हाउस में लगाने के लिए ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से मंगवाए गए हैं।
75. एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना: इसे दमन और दीव से मंगवाया गया है।
76. भारत की प्राचीन कलाओं और सांस्कृतिक विविधता के अद्भुत एकीकरण को संसद भवन की दीवारों पर उकेरा गया है।
सेंगोल से जुड़े रोचक तथ्य – Sengol Facts in Hindi
77. आज से 75 वर्ष पूर्व के भारत की स्वतंत्रता की भावना को पुनर्जीवित करते हुए पीएम मोदी ने सेंगोल को तमिलनाडु से आए आदीनम् संतों के हाथों से स्वीकार किया।
78. सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक चिह्न सेंगोल को लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया गया है।
79. सेंगोल तमिल शब्द ‘सेम्मइ’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘नीतिपरायणता’। सेंगोल राष्ट्र के लिए न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन का स्मरण कराता है।
80. सेंगोल के शीर्ष पर न्याय के प्रतीक पवित्र नंदी अपनी अचल दृष्टि से विराजित हैं। यह वही सेंगोल है, जिसे जवाहरलाल नेहरु ने 14 अगस्त, 1947 की रात को तिरुवावडुतुरै आदीनम् से एक अनुष्ठान के माध्यम से प्राप्त किया था।
81. सेंगोल की परंपरा दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य से जुड़ी है। सेंगोल के प्राप्तकर्ता के पास न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने का आदेश होता है, जिसे तमिल में ‘आनेय’ कहा जाता है।
नई संसद भवन से जुड़े ज्योतिषीय तथ्य – Astrological Analysis of New Parliament
82. 28 मई, 2023 के हिन्दू पंचांग के अनुसार, नए संसद भवन का उद्घाटन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया गया।
83. इस दिन हर्षण योग में पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बालव करण में नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ।
84. इस दिन ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रही: सूर्य वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में रहे। जबकि चंद्र सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में स्थित रहे।
85. नए संसद भवन का उद्घाटन दिन में 12:00 बजे तब हुआ, जब अभिजीत मुहूर्त चल रहा था, जो अत्यंत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है।
86. 28 मई, 2023 को मासिक दुर्गाष्टमी पर्व और धूमावती माता की जयंती होने से यह दिन लोकतंत्र की शक्ति को विश्व पटल पर रखने वाला होगा।
87. नई बिल्डिंग के उद्घाटन के समय स्थिर लग्न सिंह राशि का उदय हुआ।
88. इस तिथि को लग्नेश सूर्य दशम भाव में विराजमान होकर प्रबल स्थिति में थे।
89. उद्घाटन के दिन शनि, कुंभ राशि में लग्न से सप्तम भाव में विराजमान होकर दिगवल्ली अवस्था में थे।
90. बृहस्पति, बुध और राहु तीनों ही नवम भाव में स्थित थे।
91. ग्रहराज सूर्य दशम भाव में विराजमान थे।
92. दशमेश शुक्र की उपस्थिति एकादश भाव में थे।
93. चतुर्थेश और नवमेश मंगल, द्वादश भाव में नीच राशि गत होकर विराजमान थे।
94. द्वादश भाव के स्वामी चंद्र महाराज प्रथम भाव में विराजमान थे।
95. नवम भाव में उपस्थित राहु और बृहस्पति दोनों ही समान अंशों पर होंगे और दोनों ही केतु के नक्षत्र में विराजित थे।
नई संसद भवन से जुड़े वास्तु विश्लेषण – Vastu Analysis of New Parliament
96. त्रिकोण के आकार में बना नया संसद भवन सत्व, रजस और तमस को परिभाषित करते हुए षटकोण का आकार लेता है, जो जीवन में षट्-रिपू यानी छह मनोविकार को दूर करने का संदेश देता है।
97. नई संसद भवन में त्रिदेव यानी सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, जगतपालनकर्ता विष्णु और संसार-संहारक महेश की झलक दिखती है।
98. इस नई इमारत में एक त्रिभुज के साथ एक गोलाकार आकृति भी नजर आती है। इसे शिव और शक्ति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
99. त्रिकोण रूप में शिव के त्रिशूल और शिवलिंग की परिकल्पना है, तो वहीं बिंदी के रूप में गोलाकार मां शक्ति की छाया नजर आती है। इन दोनों के मिलन से भगवान कार्तिकेय की उत्पत्ति हुई, जो सभी प्रकार की दुर्भावनाओं को दूर करते हुए शक्ति का संचार करने वाले माने जाते हैं।
100. नए संसद भवन का ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार यहां काम करने वाले लोगों, नौकरशाहों और सांसदों को ज्ञान, शक्ति और कर्म से विमुख नहीं होने देगा।