भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जिला प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने पर छह दशक पहले मुंबई के एक व्यक्ति को लीज पर दी गई लगभग 350 करोड़ रुपये कीमत की 20 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी।
नियमों का उल्लंघन किया
जानकारी दी गई है कि भोपाल जिला प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने के बाद कार्रवाई क करते हुए लगभग 350 करोड़ रुपये कीमत की इस सरकारी जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है। रविवार को अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन भोपाल शहर में सेवनिया गौड़ क्षेत्र में अपर झील (भोजताल) के पास स्थित है।
लीज खत्म कर निरस्त कर दी गई थी
भोपाल के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें कहा है कि ‘‘पूर्व में ही इस 20 एकड़ जमीन की लीज खत्म कर निरस्त कर दी गई थी। शनिवार को कब्जेधारी से इस जमीन को शासन के कब्जे में ले लिया गया है।’’
लीज 1963 में दी गई थी
वहीं, तहसीलदार अवनीश मिश्र ने बताया कि ग्राम सेवनिया गोंड में खसरा नंबर 104, रकबा 20 एकड़ भूमि बंबई (अब के मुंबई) के गोकुलदास को लीज पर दी गई थी। इस भूमि की लीज 1963 में दी गई थी, जिसकी लीज को 2005 में विस्तार दिया गया था, लेकिन भूमि के निरीक्षण में पाया गया कि इसकी लीज शर्तों का उल्लंघन किया गया है।
अपील निरस्त कर दी थी
तहसीलदार के मुताबिक जिस प्रयोजन के लिए यह जमीन दी गई थी, उसका पालन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भोपाल जिलाधिकारी द्वारा एक जून 2020 को लीज निरस्त कर दी गई थी। अपील में संभागायुक्त भोपाल ने भी हर्ष गोकुलदास की अपील निरस्त कर दी थी।
4,000 रुपए प्रति वर्गफुट है कीमत
अधिकारी ने बताया कि तहसीलदार ने मध्य प्रदेश शासन का नाम पुनः खसरे में दर्ज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस भूमि की कीमत बाजार मूल्य के अनुसार 4,000 रुपए प्रति वर्गफुट के हिसाब से लगभग 350 करोड़ रुपए है और जमीन पर जिला प्रशासन ने फिर से कब्जा ले लिया है।
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