New Parliament Interesting Fact: जैसा कि, भारत के नए संसद भवन का निर्माण हो चुका है वहीं पर इसके उद्धाटन की खबरें चर्चा में बनी हुई है। पुराने संसद भवन के मुकाबले नए संसद भवन की तस्वीर बेहद भव्य है। यहां पर नए संसद भवन में काम को लेकर भी तैयारी नई की जा चुकी है। क्या आप जानते है आखिर राज्यसभा में हरा कारपेट और लोकसभा में लाल कारपेट क्यों बिछाया जाता है। क्या तथ्य इसके पीछे छिपा है आइए जानते है इसके बारे में।
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हरा क्यों होता है लोकसभा का कारपेट
आपको बताते चले कि, नए संसद भवन में भले ही बड़े बदलाव किए गए है लेकिन अगर बदलाव जिसमें नहीं हुआ है वह है कारपेट बिछाने की व्यवस्था। इसमें संसद के दोनों सदनों का अलग महत्व है और दोनों सदनों के सदस्य चुने जाने की प्रोसेस भी अलग अलग होती है। लोकसभा में हरा कारपेट बिछाया जाता है। जी हां यहां पर इसका कारण यह है कि, लोकसभा भारत की जनता का सीधे प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इन प्रतिनिधियों के ज़मीन से जुड़े होने के प्रतीक के तौर पर हरे रंग का इस्तेमाल होता है. घास या बड़े स्तर पर कृषि का प्रतीक हरे रंग को माना जाता है।
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राज्यसभा में लाल रंग का कारपेट क्यों
आपको बताते चले कि, यहां पर राज्यसभा में लाल रंग का कारपेट बिछाया जाता है जिसमें राज्यसभा में सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाते हैं और उनके वोट से लेकर उनकी गिनती की प्रक्रिया अलग मानी जाती है। यहां पर माना जाता है कि लाल रंग राजसी गौरव का प्रतीक है और राज्यसभा को भी जनप्रतिनिधि के अलावा स्पेशल सदस्यों वाला माना जाता है. इसलिए इसमें लाल रंग का कारपेट राज्यसभा में काम में लिया जाता है।
जानिए कब हुआ था उद्धाटन
आपको बताते चले कि, यहां पर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर के डिज़ाइन पर बने संसद भवन का उद्घाटन 1927 में किया गया था। उस दौर में 6 एकड़ में फैले इस भवन को गोलाकार बनाया गया था और इसके डिज़ाइन का मुख्य स्रोत या प्रेरणा मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर की वास्तुकला थी।
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