जगदलपुर/रजत वाजपेयी। CG Maoist Naxal News दुर्दांत नक्सली हिड़मा से अब जवान अधिक दूर नहीं हैं। माओवादी नक्सलियों को चेतावनी दी जा रही है कि या तो घुटने टेकने या मारे जाने के अलावा अब हिड़मा के पास कोई तीसरा विकल्प नहीं रह गया है। हालांकि, इस बीच फोर्स के सामने एक समस्या जरूर है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
फोर्स बस अब कुछ ही कदम दूर
बस्तर में अब जल्द ही नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा। नक्सली कमांडर हिड़मा CG Maoist Naxal News और उसकी बटालियन नंबर 1 के ठिकानों से फोर्स बस अब कुछ ही कदम दूर है। पिछले कुछ सालों में हिड़मा के गढ़ तक धीरे-धीरे फोर्स पहुंच चुकी है। कई कैंप स्थापित किए गए हैं। अब आने वाले दिनों में भी अंदरूनी इलाकों में कई कैंप स्थापित किए जाएंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि हिड़मा और उसकी बटालियन के खुंखार नक्सलियों को एनकाउंटर में मारा जाएगा या फिर उसे सुकमा-बीजापुर के जंगल से खदेड़ा जाएगा।
हिड़मा बटालियन को घेर रही फोर्स
बस्तर पुलिस ने बस्तर संभाग का एक मैप तैयार किया है। इस मैप में बस्तर संभाग के सारे जिलों को कलर कोड से दर्शाया गया है। कलर कोड का कोई नक्सल एंगल नहीं है। इस मैप के माध्यम से यह बताया गया है कि खूंखार नक्सली हिड़मा CG Maoist Naxal News और उसकी बटालियन अब फोर्स से कितनी दूर है। पुलिस फोर्स सुकमा और बीजापुर जिले के सरहदी इलाकों में हिड़मा की बटालियन को घेर रही है। उधर तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की फोर्स भी नक्सलियों को घेरकर मार रही है।
अबूझमाड़ हो सकता है सुरक्षित ठिकाना
हालांकि, नक्सल मामलों के जानकार पुलिस के इन दावों से उतना इत्तेफाक नहीं रखते। आने वाले समय में सुकमा और बीजापुर के जंगलों में हिड़मा CG Maoist Naxal News की घेरेबंदी की जाती है और यदि वह बच निकलने में सफल हो जाता है (जैसा कि अब तक होता आया है) तो अबूझमाड़ उसके लिए सुरक्षित ठिकाना हो सकता है। अबूझमाड़ में न सिर्फ घने जंगल हैं, बल्कि क्षेत्रफल की दृष्टि से भी काफी बड़े इस इलाके में फोर्स के लिए मूवमेंट करना उतना आसान नहीं रहेगा।