Manipur Violence: बीते 3 मई को मणिपुर में हुई हिंसा की वजह से पूरा प्रदेश आग की वजह से धधकने लगा। कई घरों को जला दिया गया तो वहीं कई लोगों के चोटिल होने की खबर है। हालाकं, हिंसा बढ़ते देख गृह मंत्रालय ने सेना के 55 कॉलम और असम राइफल्स की टुकड़ी तैनात कर दी है। 6 मई की ताजा अपडेट यह है कि हिंसा को नियंत्रित किया जा चुका है।
इसी बीच मणिपुर हिंसा की आंच दिल्ली तक पहुंचती नजर आ रही है। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में रहने वाले कूकी छात्रों के एक समूह पर हमला किया गया। छात्रों ने आरोप लगा कि गुरुवार की रात मेइती समूह के छात्रों ने उनपर हमला किया है। इसके साथ ही छात्रों ने आरोप लगाया कि जब वह शुक्रवार को मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। जिस वजह से छात्रों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया।
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उधर पुलिस का कहना है कि छात्रों के बीच विवाद के बाद स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने कहा कि कार्रवाई शुरू कर दी है और इस सिलसिले में कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति (ST) केटेगरी में शामिल होने के लिए विरोध कर रहे थे, जिसने हिंसा का रूप ले लिया था। हिंसा को देखते हुए मणिपुर सरकार ने 3 और 4 मई को सेना और असम राइफल्स की मांग की थी। जिसके बाद मणिपुर में आरएएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ सहित बलों को तैनात किया गया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक पी डोंगल ने कहा है कि सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद राज्य की स्थिति में सुधार हुआ है। उधर भारतीय सेना के 5 मई की शाम को एक बयान में मुताबिक, चूड़ाचंदपुर, केपीआई, मोरेह और काकिंग सहित जिलों में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और कल रात से कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई है।
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बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बड़े अधिकारियों के बीच शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई थी। इस दौरान मणिपुर की स्थिति पर समीक्षा की गई। मीटिंग के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 10 और कंपनियों को हिंसा प्रभावित राज्य में भेजा गया।