मुंबई: शरद पवार का उत्तराधिकारी चुनने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एक समिति की अहम बैठक शुक्रवार सुबह 11 बजे मुंबई में हुई. शरद पवार (82) ने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था.
हालांकि, अब मिल रहीं जानकारी के अनुसार, एनसीपी की कोर कमेटी ने शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. मुंबई में हुई पार्टी की अहम बैठक के दौरान उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और पवार से इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया. बैठक में पवार से इस्तीफा वापस लेने का प्रस्ताव प्रफुल्ल पटेल ने पेश किया.
Sharad Pawar Ji announced his resignation all of a sudden on 2nd May. He appointed a committee of party leaders for further action and to elect a new president. Today, we had a meeting of the committee: Praful Patel, Vice-President, Nationalist Congress Party pic.twitter.com/yW9d2om0Jz
— ANI (@ANI) May 5, 2023
कमेटी ने नामंजूर किया शरद पवार का इस्तीफा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की समिति ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर, पार्टी के अध्यक्ष का पद छोड़ने के शरद पवार के फैसले को खारिज कर दिया. राकांपा की, अपना अगला अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में शीर्ष नेताओं की एक अहम बैठक हुई. बैठक में “मैं साहेब के साथ हूं” संदेश वाली टोपी पहने राकांपा के कई कार्यकर्ताओं ने मांग की कि शरद पवार पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
अजीत पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल सहित राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति ने सुबह ग्यारह बजे से कुछ मिनट पहले यह तय करने के लिए अपनी बैठक शुरू की कि शरद पवार द्वारा अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा.
पवार ने मंगलवार को उस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था, जिसकी स्थापना उन्होंने 1999 में की थी तथा उस समय उन्होंने अपना राजनीतिक रास्ता तय करने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी. एक कार्यक्रम में की गई घोषणा ने 24 साल पुरानी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्तब्ध कर दिया.
राज्यसभा सदस्य और विपक्ष के दिग्गज नेताओं में से एक पवार ने कहा था कि वह राकांपा प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे हैं. यह घोषणा उन अटकलों के बीच की गई कि पवार के भतीजे अजीत पवार और कुछ विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं. हालांकि, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इस बात का खंडन करते हुए दावा किया था कि वह आजीवन राकांपा के साथ रहेंगे.
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