भोपाल। MP Doctor Strike केंद्र के समान समयबद्ध पदोन्नति यानि डीएसीपी (DCAP) सहित अन्य मांगों को लेकर मध्यप्रदेश में सोमवार से सरकारी डॉक्टर्स का आंदोलन शुरू हो चुका है। इसके बाद इसकी शुरूआत आज से काली पट्टी बांध हो चुकी है।
इसके बाद मांगे नहीं माने जाने पर डॉक्टर्स ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। आपको बता दें आज मंगलवार को 11 बजे से दो घंटे के लिए काम बंद कर रहेगा। इसके बाद 3 मई से वे अनिश्चित कालीन पर चले जाएंगे।
बिना आदेश के वापस नहीं होगी हड़ताल — MP Doctor Strike
आपको बता दें सोमवार को एमपी हेल्थ, मेडिकल एजुकेशन, गैस राहत, गृह विभाग, ईएसआई और जूनियर, एनएचएम संविदा डॉक्टर व बोंडेट डॉक्टर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते हुए काम किया। हालांकि, इस दौरान ओपीडी और ओटी चालू रही। इस सरकारी डॉक्टरों के समर्थन में जूडा (जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन) भी उतर आए हैं।
संगठन का कहना है कि मंगलवार को काम बंद रखने के बावजूद यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे। शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सा महासंघ के प्रमुख संयोजक डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि इस बार बिना आदेश हड़ताल वापस नहीं होगी।
Tea Bag Tea: इन लोगों को जहर के समान है टी बैग वाली चाय! भूलकर भी न करें सेवन
ये डॉक्टर्स प्रदर्शन में शामिल MP Doctor Strike
आपको बता दें इस प्रदेशव्यापी आंदोलन में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ,जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, संविदा पर कार्यरत चिकित्सक, बांडेड चिकित्सक शामिल हैं, जो काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का नोटिस भी दिया है।
Bank Holidays In May: मई में इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, यहां देखें कब-कब रहेंगी छुट्टियां
ये हैं प्रमुख मांगें — MP Doctor Strike
महासंघ के अनुसार, 17 फरवरी 2023 को प्रदेश के सभी शासकीय/स्वशासी डॉक्टरों ने प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डीएसीपी, डॉक्टरों की परेशानियों आदि मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सभी चिकित्सकों के संगठन शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।
सीएम ने 1 महीने में मुद्दों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था।
MP Doctor Strick वहीं, तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया था। जिसे 1 महीने की समय सीमा का समय दिया गया और तीन बैठकों के बाद 31 मार्च को समिति की निर्णायक बैठक हुई। जिसमें सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर करके मीटिंग के मिनिट्स शासन की ओर भेजें।
संगठन का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश होने के बावजूद 31 तारीख की बैठक के निर्णय को लागू नहीं किए गए। इससे डॉक्टर अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इसलिए अब आंदोलन का रास्ता अपनाया है।
Good Time Sign: ये संकेत बताते हैं आपके जीवन में आने वाला है अच्छा वक्त