Mohini Ekadashi 2023: सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार बैसाख महीने के शुक्ल पक्ष में 11वें दिन यानी एकादशी की तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। साल 2023 में यह व्रत आज यानी 1 मई को मनाया जा रहा है। कहते हैं, इस एकादशी व्रत को करने से इतने पुण्य और लाभ होते हैं, कि कोई भी सनातनी हिन्दू इस व्रत को करने लगेंगे।
मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi ) का व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे करने से साधक के संचित पुण्यों में वृद्धि होती है और पिछले जन्म सहित इस जन्म के पापों का नाश हो जाता है।
इस एकादशी के महत्त्व को सबसे पहले वशिष्ठ मुनि ने भगवान राम को समझाया था। द्वापर युग में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से युधिष्ठिर को इस व्रत की महत्ता को बताया है। इस व्रत को करने से हजार गायों के दान, यज्ञों और तीर्थों की यात्रा का फल प्राप्त होता है।
इसे करने से साधक जन्म और मृत्यु चक्र से मुक्त हो जाते हैं। इस व्रत का पालन अमोघ फलदायी और मोक्षदायी है।
क्यों कहते हैं इसे मोहिनी एकादशी
जब समुद्र मंथन हुआ था तब अमृत कलश के लिए देव और दानवों के झगड़े को निपटाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धर कर चतुराई से सारा अमृत देवों को पिला दिया था। इस कल्याणकारी काम से दानवों को अमरता नहीं मिली थी, अन्यथा सृष्टि का संहार निश्चित था।
मोहिनी एकादशी व्रत (Mohini Ekadashi Vrat) भगवान विष्णु और उनके अवतार मोहिनी की पूजा करने के लिए रखा जाता है। इस व्रत को करने से भक्त को सुखमय और विलासिता भरा जीवन प्राप्त होता है।
मोहिनी एकादशी व्रत कैसे करें
मोहिनी एकादशी को भक्त इस व्रत को करने लिए दिन भर उपवास रखते हैं। एकादशी तिथि से एक दिन पहले यानी दशमी तिथि को स्नान-ध्यान कर केवल एक बार ही भोजन करते हैं। फिर यह एकादशी तिथि को इस व्रत का विधि-विधान से पूजा कर द्वादशी तिथि तक उपवास करते हैं। द्वादशी तिथि की सुबह में पारण किया जाता है। ब्राह्मणों और गरीबों को दान दिया जाता है।
मोहिनी एकादशी व्रत के पालन के दौरान साधक-साधिका पूर्ण शुचिता का ध्यान रखते हैं। मान्यता के अनुसार, मोहिनी एकादशी के उपवास से तन और मन की शुद्धि हो जाती है। यह व्रत-पूजन भीषण गर्मी के मौसम में होता है। इसलिए यह काफी मुश्किल व्रतों में से एक माना जाता है।
इन मंत्रों से करें मोहिनी एकादशी की पूजा
इस एकादशी के दिन साधक को भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा-आराधना करनी चाहिए। इस मौके पर ‘विष्णु सहस्रनाम’ का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र से माला जाप करना भी उत्तम है।
Mohini Ekadashi #MohiniEkadashi #MohiniEkadashi2023