Gehlot-Pilot: हाल ही में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। राजधानी जयपुर में पायलट अपने समर्थकों के साथ एक दिन की भूख-हड़ताल पर बैठ गए थे। उनका कहना था कि राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। इन अनशन के बाद राजस्थान में सियासी माहौल गर्मा गया था। वहीं प्रदेश में सियासी हलचल के बीच शुक्रवार को सीएम गहलोत दिल्ली पहुंचे।
राजधानी दिल्ली में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में मंडरा रहे संकट पर अपनी बात रखी है। इसके साथ ही उन्होंने पायलट को इशारों ही इशारों में नसीहत भी दे डाली है। उन्होंने कहा है कि सभी को काम करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे पार्टी को नुकसान हो
गहलोत ने कहा- कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अगला चुनाव कैसे जीता जाए और वे इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं और ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे पार्टी को नुकसान हो।
मोदी सरनेम मामला एक साजिश का संकेत
सीएम गहलोत ने यहां दिल्ली में कहा, “राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद उन्होंने (बीजेपी) तय किया कि उन्हें आगे क्या करना है और 4 साल बाद मोदी सरनेम मामले को फिर से खोलना एक साजिश का संकेत देता है. गहलोत ने राजस्थान के आगामी चुनाव में कैंडिडेट के चयन और स्वेच्छा से सीट छोड़ने पर भी बयान दिया।”
एक दिन के धरने पर बैठे थे सचिन पायलट
बता दें कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट 11 अप्रैल को जयपुर में एक दिन के धरने पर बैठे थे। धरना खत्म होने के बाद पायलट ने कहा था कि उनका यह अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं थी। पायलट का कहना था कि सुंधरा राजे सरकार के दौरान भी हुए भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार के एक्शन न लेने पर उनके द्वारा अनशन किया गया था।
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