मुंबई। दीपक सावंत ने अपनी बेटी जुई से तब बात की थी जब वह एक कार्यक्रम के लिए सुरक्षित पुणे पहुंची थी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह 18 वर्षीय जुई के साथ उनकी आखिरी बातचीत होगी। पुराने महाराष्ट्र मुंबई-पुणे राजमार्ग पर शनिवार तड़के बस के खाई में गिर जाने से जुई एवं 12 अन्य व्यक्तियों की मौत हो गई।
पिता ने बेटी की आखिरी कॉल की याद
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पुराने मुंबई-पुणे राजमार्ग पर शनिवार तड़के चार बजकर 50 मिनट पर एक बस के खाई में गिर जाने से उसमें सवार कम से कम पांच नाबालिगों समेत 13 लोगों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत सावंत ने कहा, ‘‘पुणे के लिए निकलते समय, जुई ने मुझसे कहा कि जब वह शहर पहुंचकर मुझे फोन करेगी, जो उसने किया। वह मेरी बेटी के साथ मेरी आखिरी बातचीत थी।’’ उन्होंने कहा कि जुई ने हाल ही में 11वीं की परीक्षा दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘सुबह 7 बजे के आसपास, हमें पुलिस ने हमे फोन करके दुर्घटना के बारे में सूचित किया। हम तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और कई लोगों को मृत और घायल पाया।’
कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे यात्री
’ पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बस में मुंबई स्थित गोरेगांव के ‘बाजी प्रभु वादक ग्रुप’ के 42 सदस्य सवार थे। वे पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड इलाके में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद गोरेगांव लौट रहे थे। बस शुक्रवार को देर रात करीब एक बजे कार्यक्रम स्थल से रवाना हुई थी।’’ वे निजी बस से मुंबई लौट रहे थे जब चालक ने कथित तौर पर नियंत्रण खो दिया और बस खोपोली पुलिस थाने की सीमा के तहत शिंगरोबा मंदिर के पास एक खाई में गिर गई। मृतकों में भाई सतीश और स्वप्निल धूमल शामिल थे, जो शुक्रवार को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुंबई से निकले थे और तड़के पुणे में बस में सवार हुए थे।
घटना स्थल पर नहीं थी रेलिंग
भाइयों के दोस्त और पड़ोसी गणेश भोले ने कहा, ‘हम कॉलेज के छात्र थे और मंडली से जुड़े थे। मैं सो रहा था, जब मुझे इस घटना के बारे में जानकारी मिली। हम तुरंत खोपोली पहुंचे और स्वप्निल के शव की पहचान की।’ सतीश और स्वप्निल के पिता श्रीधर एक निजी कंपनी में काम करते हैं। वह और परिजन सदमे में हैं। पुलिस के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त बस में ‘बाजी प्रभु प्रचारक ग्रुप’ के 42 सदस्य सवार थे। घटनास्थल पर मौजूद बचावकर्ताओं में से एक, खोपोली निवासी डॉ रियाज पठान ने कहा कि उन्हें साथी चिकित्सक डॉ शेखर जमाले ने दुर्घटना के बारे में फोन किया था। पठान ने कहा, ‘मौके पर पहुंचने के बाद, हम 10 से 15 यात्रियों को बाहर निकालने में कामयाब रहे, जिनमें से एक की मौत हो गई।’ उन्होंने दावा किया कि घटनास्थल पर कोई सुरक्षा रेलिंग नहीं थी और रेलिंग की स्थिति में यह दुर्घटना टल सकती थी।
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