कोच्चि। Kerala IAS officer suspended : केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन के खिलाफ सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है। अगस्त 2019 में उनकी कार से टक्कर लगने के बाद पत्रकार के एम बशीर की मौत हो गई थी।
यह भी पढ़ें- Kerala IAS officer suspended : आईएएस अधिकारी पर गैर इरादतन हत्या का आरोप, सेवा से निलंबित किया
न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने सत्र न्यायालय के उस आदेश को आंशिक रूप से रद्द कर दिया है, जिसमें आईएएस अधिकारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था।
आईएएस अधिकारी तेज गति से गाड़ी चला रहे थे
उच्च न्यायालय के अनुसार, प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि हादसे के दौरान आईएएस अधिकारी तेज गति से गाड़ी चला रहे थे और उन्होंने मामले में सबूत मिटाने की भी कोशिश की। हालांकि, उच्च न्यायालय ने सह-आरोपी वफा फिरोज को मामले में बरी कर दिया है। कार वफा फिरोज की ही थी और दुर्घटना के समय वह वेंकटरमन के साथ यात्रा कर रही थीं।
यह भी पढ़ें- MP School Holiday 2023-24 : स्कूलों में शिक्षकों-छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित, आदेश जारी
यह आदेश सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आया है। सत्र अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में वेंकटरमन के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप हटा दिया था।
अगस्त 2019 में तिरुवनंतपुरम में हुई थी घटना
हालांकि, अदालत ने कहा था कि उसके खिलाफ धारा 304 ए (लापरवाही के कारण मौत) और 279 (तेज और लापरवाही से वाहन चलाना) सहित अन्य आरोप हैं। वफा फिरोज पर आईएएस अधिकारी को तेजी से गाड़ी चलाने के लिए उकसाने का आरोप था। यह घटना अगस्त 2019 में तिरुवनंतपुरम में हुई थी।
यह भी पढ़ें- Ambedkar Jayanti National holiday : 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश, अंबेडकर जयंती पर रहेगी छुट्टी
पुलिस के अनुसार वेंकटरमण कथित रूप से नशे में थे और तेज रफ्तार से कार चला रहे थे। उन्होंने पत्रकार को बुरी तरह कुचल दिया था। मोटरसाइकिल पर सवार बशीर की मौके पर ही मौत हो गई थी। आईएएस अधिकारी आधी रात को एक निजी पार्टी से लौट रहे थे।
एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे आईएएस
वेंकटरमण ने नौ घंटे बाद पुलिस को जांच के लिए अपने रक्त के नमूने देने की अनुमति दी। घटना के बाद वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे। पुलिस ने बताया कि करीब 17 घंटे के बाद अधिकारी की गिरफ्तारी की गई।
बात दें कि दो दिन बाद उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया और उनका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। उन्हें मार्च 2020 में सेवा में बहाल किया गया और संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य के पद पर नियुक्ति दी गई। फिलहाल, वह केरल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक हैं।
यह भी पढ़ें- Vande Bharat Express Train : क्या फ्लाइट के सफर को मात देगी वंदे भारत की रफ्तार, क्या हैं सुविधाएं?
यह भी पढ़ें- Nepanagar Mafia Reward Announced : थाने पर हमला कर साथियों को छुड़ाने वाले वन माफिया पर इनाम घोषित