Arunachal Pradesh: पिछले कुछ समय से चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को लेकर गर्म तेवर दिखा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बार बार ये बयान दिया जा रहा था कि अरूणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है। जिसमें कहा जा रहा था कि भारत के द्वारा अरूणाचल में किसी भी प्रकार की गतिविधि उसके नियमों का हनन करता है। इसी बीच भारत के गृह मंत्री अमित शाह चीन को कड़ा संदेश देने के इरादे से अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंच गए।
फिर क्या था, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गृह मंत्री अमित शाह के अरूणाचल दौरे को बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करार दे दिया। वहीं अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को दो टूक में जवाब दे दिया है। चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि राज्य अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “हम चीनी आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा की गई टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं जैसे वे भारत के किसी अन्य राज्य में करते हैं।”
Our response to media queries regarding Chinese Official Spokesperson’s comments on the recent visit of Home Minister of India to Arunachal Pradesh:https://t.co/9NzmPQBZOD pic.twitter.com/csgI6JuQO3
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 11, 2023
क्या कहा था चीनी विदेश मंत्रालय?
चीनी विदेश मंत्रालय ने अमित शाह के दौरे का विरोध करते हुए कहा था कि शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा ने बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया और यह सीमा पर शांति और शांति के लिए अनुकूल नहीं था। इसके साथ ही चीन ने एक बार फिर पूर्वोत्तर राज्य को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा किया।
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आपको बताते चलें कि ये पहला मौका नहीं है जब चीन ने भारतीय नेताओं के अरूणाचल दौरे पर आपत्ति जताई है। इससे पहले 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा और 2017 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की यात्रा का भी चीन ने विरोध किया था।
हमारी एक इंच जमीन का भी अतिक्रमण करने की हिम्मत नहीं
पिछले सप्ताह अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में चीन को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा था कि कोई भी भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर डालने और हमारी एक इंच जमीन का भी अतिक्रमण करने की हिम्मत नहीं कर सकता है। वह युग जब कोई भी भारत की सीमा का अतिक्रमण कर सकता था, समाप्त हो चुका है।
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