शाजापुर/आदित्य शर्मा : मप्र उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जिले में न्यायिक सेवा के अनुसचिवीय/तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण जिला न्यायालय के एडीआर सेन्टर सभा कक्ष में रविवार को प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ललित किशोर गर्ग ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित कर्मचारियों से कहा कि प्रशिक्षण से अपने पदीन कर्तव्यों का निर्वहन सरल हो जाता है। वहीं विषय विशेषज्ञों से प्रश्नों, जिज्ञासाओं का समाधान करवाने से अपने कार्य में गलती होने की आशंका खत्म हो जाती है। प्रधान न्यायाधीश ललित किशोर गर्ग ने कहा कि हमें कानून के बढ़ते पहलुओं के साथ लगातार तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता है और सीखने के लिए उत्साह को कम नहीं करना चाहिए। उन्हौने कहा कि सभी स्तरों पर कर्मचारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कार्य में पारदर्शी हों और उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के निर्धारित मापदंडों में हों।
उन्हाैने कहा कि न्यायायिक कर्मचारियों को नैतिकता और व्यवहार के मानकों का पालन करना चाहिए। हमारे स्वयं के कामकाज और आत्म-प्रतिशोध का लगातार मूल्यांकन भी करना चाहिए जो प्रत्येक कर्मचारियों के लिए आवश्यक है। इस अवसर पर जिला विशेष न्यायाधीश मो.अजहर, जिला न्यायाधीश ब्रजेश गोयल, जिला रजिस्टार एवं न्यायाधीश आदिल एहमद खान, सीजेएम आशीष परसाई व न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन न्यायाधीश डॉ.स्वाती चौहान ने किया।