नई दिल्ली। Akshaye Tritiya 2023 अगर आप विवाह बंधन में बंधने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें आज से मांगलिक कार्यों पर रोक लगने जा रही है। जी हां वो इसलिए क्योंकि देव गुरू वृहस्पति अस्त हो चुके हैं। ज्योतिषीय गणना और धर्म शास्त्र के अनुसार किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि के लिए गुरू और शुक्र का उदित होना जरूरी होता है। लेकिन 31 मार्च को गुरू के अस्त होते ही इन पर रोक लग जाएगी।
इस बार अक्षय तृतीया पर भी नहीं बजेगी शहनाई – Akshaye Tritiya 2023
आपको बता दें वैसे तो अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन होता है जब बिना किसी मुहूर्त के शादी विवाह कार्य कर लिए जाते हैं। यानि इस दिन के लिए किसी पंडित से मुहूर्त निकलन वाले की जरूरत नहीं होती। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। जी हां वो इसलिए क्योंकि शादी के लिए बेहद खास माने जाने वाले दो ग्रहों में से एक गुरू ग्रह इस दौरान अस्त रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री (9893159724 )के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया के दौरान गुरू ग्रह अस्त रहेंगे। जिसके चलते शादियां नहीं होंगी। हालांकि कई लोग इसे न मानते हुए शादियां कर भी लेते हैं। लेकिन शास्त्र संवत इसे उचित नहीं माना जाता है। क्योंकि विवाह कार्य के लिए गुरू और शुक्र दोनों को उचित होना बेहद जरूरी होता है।
गुरू और शुक्र का क्या होता है असर – Akshaye Tritiya 2023
ज्योतिषाचार्य की मानें तो गुरू और शुक्र दो ऐसे ग्रह हैं जो व्यक्ति के जीवन पर सीधा असर डालते हैं। गुरू यानि इसका संबंध धार्मिक कार्य और ज्ञान से जोड़ होता है। जो वहीं शुक्र को सांसरिक सुखों का कारक मानते हैं। व्यक्ति के विवाह का सीधा संबंध उसके जीवन से जुड़ा होता है। यदि इन दोनों ग्रहों के अस्त होने पर विवाह कार्य किए जाते हैं तो व्यक्ति की जीवन से जुड़ी ये दोनों चीजें प्रभावित होती हैं।
इस दिन अस्त हो रहे हैं गुरू – Akshaye Tritiya 2023 per guru asta
जानकारों के अनुसार अभी तक उदित चल रहे गुरू 31 मार्च यानि शुक्रवार को अस्त होने जा रहे हैं। जो 29 अप्रैल तक इसी स्थिति में रहेंगे। गुरू के अस्त के दौरान शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। लेकिन इसी बीच अक्षय तृतीया आ रही है। 23 अप्रैल को अक्षय तृतीया पड़ेगी। इसके 6 दिन बाद यानि 29 अप्रैल को गुरू उचित होंगे। इसलिए इस दौरान विवाह कार्य वर्जित माने गए हैं।
इस दिन से शुरू हो जाएंगे विवाह कार्य – Akshaye Tritiya 2023 vivah muhurat
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार गुरू के अस्त होने के चलते करीब 28 दिन के लिए विवाह कार्य बंद रहेंगे। लेकिन इसके बाद 29 अप्रैल को इसका उदय होगा। इस दौरान विवाह कार्य बंद रहेंगे। इसके बाद 2 जून से एक बार फिर विवाह कार्य शुरू हो जाएंगे। जो करीब 26 जून तक रहेंगे।
कर्क के सूर्य होने से फिर बंद हो जाएंगे विवाह – kark me surya ka gochar
आपको बता दें इसके बाद एक बार फिर सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर धार्मिक कार्य फिर बंद हो जाएंगे। जिसके बाद सीधे देव उठनी एकादशी पर फिर शहनाइयां बजने लगेंगी। यानि जब दीपावली के बाद बड़ी ग्यारस यानि गन्ना ग्यारस आएगी। इसके बाद से शादियों का दौर शुरू हो जाएगा।
दो महीने शादियां ही शादियां – vivah muhurat in may and june
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भले ही अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त न हो। लेकिन इसके बाद मई और जून में जककर शहनाई बजेगी। यानि मई और जून में शादियों के बहुत सारे मुहूर्त रहेंगे। जब शादियां की जा सकेंगी।
गुरू के उपाय –
- जिन जातकों की कुंडली में गुरू अस्त होने पर कष्ट दे सकते हैं उनके लिए ज्योतिषाचार्य द्वारा कुछ उपाय सुझाए गए हैं।
कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम या हरिवंश पुराण का पाठ करने से शुभ परिणाम मिलते हैं। जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है वे गुरू को उदित होने तक ये उपाय जरूर करें। - गुरु के अस्त होने के बाद प्रतिदिन माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। बृहस्पति देव को पीला रंग बहुत पसंद है। अगले एक महीने तक पीपल के पेड़ में
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
- मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाएं। इससे बृहस्पति की अशुभता दूर होगी।