Navjot Singh Sidhu: क्रिकेटर से राजनेता बने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार यानी 1 अप्रैल को पटियाला जेल से रिहा हो जाएंगे। साल 1988 में रोड रेज से जुड़े एक मामले में वो 1 साल की सजा काट रहे थे जो अब पूरा हो चुका है। सिद्धू के ट्विटर अकाउंट पर इस बात की पुष्टि की गई है। लेकिन क्या आप जानते है क्या था 1988 का रोड रेज मामला? आईए जानते है।
जेल जाने के पीछे की वजह
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की हत्या की है। आरोप के मुताबिक, हादसे में जान गवांने वाले और उसके 2 साथी पंजाब के पटियाला में 27 दिसंबर, 1988 को पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे, इसी बीच सिद्धू और उनके साथी रूपिंदर सिंह संधू शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक जिप्सी में थे। सिद्धू ने एक को रौंद दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
हालांकि सितंबर 1999 में, पटियाला सत्र न्यायालय ने सिद्धू पर लगे हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया था। वहीं जब मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा, तो फैसला सिद्धू के खिलाफ चला गया। दिसंबर 2006 में हाई कोर्ट ने पटियाला सत्र न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सिद्धू और संधू को आईपीसी की धारा 304 (II) के अनुसार गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया।
तीन साल कैद की सजा सुनाई
हाई कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए सिद्धू और संधू को एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ-साथ तीन साल जेल की सजा भी सुनाई। लेकिन इस बार नवजोत सिंह सिद्धू ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें मामले में दोषी करार दिया। हालांकि कोर्ट ने उन्हें 1 साल की सजा सुनाई। जिसके बाद वो पिछले साल 20 मई से जेल में है। उनकी रिहाई 16 मई को तय की गई थी लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, 45 दिनों की छूट उन्हें मिलने वाली है। यही वजह है कि सिद्धू 1 अप्रैल को आजाद हो जाएंगे।