नई दिल्ली:UPI Transaction Charge इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है जहां पर हाल ही में एक अप्रैल से बढ़ने वाले यूपीआई लेन देन पर चार्ज को लेकर एनपीसीआई ने अपनी बात रखी है । जिसमें एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाये जाने की खबरों का खंडन किया है। एनपीसीआई ने अपने सर्कुलर के साथ ही यह भी अपडेट किया है कि, किसे इस लेनदेन में शुल्क नहीं चुकाना पडे़गा। बता दें कि, 1 अप्रैल से जीपे (GPay), फोनपे (phonePe) ,पेटीएम (Paytm)ऐप से पेमेंट करने पर चार्ज देने की बात कही गई थी।
जानिए किसे नहीं देना हो शुल्क
यहां पर एनपीसीआई ने यूपीआई यूजर्स को झटका देने के साथ ही राहत देने और सफाई भी दी है जिसे यूपीआई करने पर ज्यादा नहीं चुकाना पड़ेगा या किस पर शुल्क लगेगा इसकी जानकारी दी है। जानिए किसे नहीं देना होगा शुल्क।
1- यूपीआई पेमेंट किए जाने पर बैंक या कस्टमर किसी को भी कोई चार्ज नहीं देना होगा।
2-साथ ही एक बैंक से दूसरे बैंक में यूपीआई ट्रांजैक्शन किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा।
3- अब इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा है. इसे देखते हुए एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा होने की इजाजत दे दी है।
4- इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन ( Prepaid Payment Instruments Merchant Transactions) पर ही लागू रहेगा तो वहीं पर कस्टमर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
5- यूपीआई के जरिए एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पेमेंट किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा. साथ कस्टमर के पास ये विकल्प होगा कि वे यूपीआई आधारित ऐप्स पर बैंक अकाउंट, रूपे क्रेडिट कार्ड. प्रीपेड वॉलेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
NPCI ने सर्कुलर किया था जारी
आपको बताते चलें कि, यहां पर भारत में यूपीआई के जरिए लेनदेन करने पर अब ज्यादा पैसा चुकाना पड़ सकता है। यहां पर 24 मार्च को एनपीसीआई की ओर से ये सर्कुलर जारी किया गया। इस सर्कुलर में प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लगाने का सुझाव दिया गया है। यूपीआई पेमेंट सिस्टम इस सुझाव के बाद 2000 रुपए से अधिक से यूपीआई पेमेंट पर पीपीआई फीस यानी एक्सट्रा चार्ज लगाने की तैयारी कर रहा है। अगर ये होता है तो 2000 रुपये से अधिक के लेनेदेन पर 1.1 प्रतिशत का चार्ज लग सकता है। बता दें कि, पीआई से होने वाले ट्रांजैक्शन का 70 फीसदी ट्रांजैक्शन 2 हजार रुपये से अधिक वैल्यू की होती है।
नोटबंदी के बाद से यूपीआई हुई आम
आपको बताते चलें कि, आजकल सब डिजिटल हो गया है जहां पर नोटबंदी के बाद से ऑनलाइन ट्रांसेक्शन और यूपीआई का चलन इतना बढ़ गया है कि, लोग जेब में बिना कैश के चलने लगे है। वहीं पर नोटबंदी के बाद कैश की जगह स्मार्टफोन ले ले लिया। लेकिन अब ये आदत आपको महंगी पड़ने वाली है।