Atiq Ahmad: मंगलवार यानी 28 मार्च को प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया से नेता बने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और छह अन्य को मामले में बरी कर दिया गया है। 17 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। लेकिन क्या आप जानते है क्या है पूरा मामला। अगर नहीं तो आज आपको हम बताएंगे।
ये है पूरा मामला
25 जनवरी, 2005 को बसपा विधायक हत्या कर दी जाती है। जिसके बाद उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह बनने को तैयार हो गया था।
लेकिन खुद उमेश के अनुसार, अतीक अहमद और उसके गिरोह के सदस्यों ने 26 फरवरी, 2006 को बंदूक की नोक पर धूमनगंज थाना क्षेत्र में एक लैंड क्रूजर से अपहरण कर लिया गया। इससे पहले उसे काफी पीटा गया था। अतीक अहमद के सदस्यों ने पाल से यह बयान लिखवाया गया कि उसने राजू पाल की हत्या नहीं देखी थी।
बाद में उमेश पाल द्वारा राजू पाल हत्याकांड के संबंध में पुलिस से संपर्क करने के बाद, अतीक अहमद, उनके भाई और कई अन्य आरोपियों के खिलाफ साल 2006 में प्राथमिकी दर्ज की गई। उसी केस में बीते सोमवार 27 मार्च को अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से यूपी के प्रयागराज कोर्ट लाया गया था। हालांकि फरवरी में उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या कर दी गई। वहीं अतीक को उम्र कैद की सजा मिलने के बाद उसे वापस गुजरात ले जाने की तैयारी हो रही है।