नई दिल्ली। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने यूट्यूब पर निवेश संबंधी भ्रामक वीडियो डालने के मामले में फिल्म अभिनेता अरशद वारसी और उनकी पत्नी मारिया गोरेटी पर प्रतिबंध लगाने के बाजार नियामक सेबी के आदेश को खारिज कर दिया है। अरशद और उनकी पत्नी पर आरोप था कि उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो डालकर निवेशकों को साधना ब्रॉडकास्ट के शेयर खरीदने की सलाह दी थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गत दो मार्च को अरशद और मारिया के साथ साधना ब्रॉडकास्ट के प्रवर्तकों समेत 31 लोगों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
यह कार्रवाई ‘फर्जी एवं चालाकी से भरी’ योजना में इन लोगों की संलिप्तता के आरोप में की गई थी। सेबी के आदेश के मुताबिक अरशद ने इस योजना से 29.43 लाख रुपये का मुनाफा कमाया और उनकी पत्नी को 37.56 लाख रुपये का लाभ हुआ था। इस आदेश के खिलाफ अरशद, मारिया और अरशद के भाई इकबाल हुसैन वारसी ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील की थी। वहां से उन्हें राहत मिल गई है। न्यायाधिकरण ने सेबी के आदेश को खारिज करते हुए कहा है कि संबंधित वीडियो बनाने, उसके वितरण, प्रोत्साहन और यूट्यूब चैनलों पर अपलोड करने में वारसी दंपती की संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं सामने आया है।
इसके साथ ही दंपती ने अपने आचरण से ऐसा संकेत नहीं दिया कि निवेशक साधना ब्रॉडकास्ट के शेयर खरीदें। हालांकि, न्यायाधिकरण ने मामले की जांच पूरी होने तक वारसी दंपती को साधना ब्रॉडकास्ट के शेयरों में कारोबार करने से दूर रहने को कहा है। इसके अलावा इन शेयरों से कथित तौर पर हुई गैरकानूनी आय का 50 प्रतिशत एक एस्क्रो खाते में 15 दिन के भीतर जमा करने को भी कहा गया है।