ग्वालियर। Gwalior News एमपी के ग्वालियर में सरकारी अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के जयारोग्य अस्पताल में एक बुजुर्ग पेशेंट को स्ट्रेचर नहीं मिला। जिसके बाद उसे एक चादर पर बिठा कर उसकी बहू द्वारा खींचकर अस्पताल ले जाते वीडियो वायरल हो रहा है। हकीक में ये अस्पताल 1 हजार विस्तरों वाला है पर हकीकत ये है कि ये अस्पताल एक बुजुर्ग के लिए बिस्तरों की व्यवस्था नहीं कर पाया। पेशेंट का नाम श्रीकिशन ओझा बताया जा रहा है। जो मूलतः भिंड के रहने वाले हैं। पर फिलहाल ग्वालियर के सूबे की गोठ इलाके में रहते हैं। आपको बता दें श्रीकृष्ण के गिरने की वजह से उसके पैर की हड्डी टूट गई थी। जिसके इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया था।
सरकार का है ड्रीम प्रोजेक्ट –
आपको बता दें ग्वालियर-चंबल के सबसे बड़े सरकारी जेएएच में हजार बिस्तर की सुविधा है। जहां की ये एक अमानवीयता वाली तस्वीर सामने आई है। जहां स्ट्रेचर नहीं मिलने पर एक बहू को अपने ससुर को चादर पर बैठाकर खींचते हुए ले जाना पड़ा। जिसका वीडियो वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल से बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बा दइस सरकारी अस्पताल की हकीकत सामने आई हेै। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि बहू पसीने में तरबदत होकर ससुर को हॉस्पिटल कैम्पस से जांच के लिए दूसरी मंजिल पर ले जाती नजर आ रही है। आपको बता दें ग्वालियर ये अस्पताल सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसकी लागत करीब 397 करोड़ है। जहां 1 हजार बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है। इतना ही नहीं यहां दावा भी किया गया था कि इस हॉस्पिटल के पूरी तरह स्टार्ट होने पर यहां आने वाले लोगों को दूसरी जगह भटकना नहीं होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी –
आपको बता दें जेएएच के आरकेएस धाकड़ द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार अस्पताल के हर वार्ड में करीब 4 स्ट्रेचर रहते हैं। इतना ही नहीं यदि वार्ड बड़ा है तो वहां पर इनकी संख्या 6 से 8 तक होती है। उनके अनुसार अस्पताल में कुल 1 हजार से ज्यादा स्ट्रेचर हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लोग परेशान हो रहे हैं।
टूटी हड्डी का इलाज कराने पहुंचा था बुजुर्ग –
जानकारी के अनुसार जो महिला बुजुर्ग को कपड़े पर बिठाकर खीच रही हैं वह उसकी बहू है। जो भिंड निवासी है। उसके ससुर श्रीकिशन ओझा साइकिल से गिर गए थे। जिसके बाद उनके पैर में फ्रेक्चर हो गया है। जिसके बाद डाॅक्टर की सलाह पर प्लास्टर चढ़वाकर जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा में भर्ती कराने के लिए कहा था। यहां पर महिला द्वारा स्ट्रेचर की तलाश किए जाने के बाद भी जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो मजबूरन उसे चादर पर बिठाकर दूसरी मंजिल पर ले जाना पड़ा। यहां किराए से ऑटो कर वह ससुर को जेएएच के ट्रॉमा लेकर पहुंची। जहां ये पूरा वाक्या उपस्थित लोगों ने देखा।