जगदलपुर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( CRPF) आज अपना 84वां स्थापना दिवस इस साल जगदलपुर के करणपुर सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में आयोजित किया गया है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में पहली बार सीआरपीएफ का वार्षिक उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए हुए है। नार्थ सेक्टर, मणिपुर, नागालैंड सेक्टर, कोबरा सेक्टर, साउथ सेक्टर, वेस्ट बंगाल सेक्टर,छत्तीसगढ़ सेक्टर के जवानों ने परेड की। गृहमंत्री अमित शाह ने परेड की सलामी ली शहीद जवानों की पत्नियों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया।
बस्तर में सीआरपीएफ का 84वां स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी जो हमारी लड़ाई है वो विजय के पड़ाव में खड़ी है उसमे CRPF के जवानों की प्रमुख भूमिका रही है। उनके बलिदान से ही ये विजय कि स्वर्णिम गाथा लिखी जा रही है। माओवाद प्रभावित इलाकों से विकास की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ को जाता है। मैं शहीद परिवारों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका है 174 विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के अंदर हल्बी बुलेटिन शुरू होने से स्थानीय भाषा प्रदेश में मजबूत होगी , आदिवासी अपनी भाषा में देश-दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मैं दूरदर्शन और आकाशवाणी को बधाई देता हूं।
शाह ने कहा, ”सीआरपीएफ ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की। बल ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है।”
उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है और साथ ही जान हानि (आम लोग और सुरक्षा कर्मी) में भी 78 फीसदी की कमी आई है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों एजेंसियां वामपंथी उग्रवाद का वित्त पोषण रोकने के लिए सख्ती से काम कर रही हैं।
शाह ने कहा कि सीआरपीएफ का वार्षिक उत्सव पहली बार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है और यह भी छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में। बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित सीआरपीएफ कोबरा की 201वीं बटालियन के करनपुर शिविर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पिछले तीन दशकों से वामपंथी उग्रवाद से संघर्ष कर रहे बस्तर संभाग में कुल सात जिले शामिल हैं जिनमें बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर हैं। सीआरपीएफ के जवानों को बड़ी संख्या में दक्षिण बस्तर क्षेत्र में तैनात किया गया है, जिसमें सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले शामिल हैं। यहां सीआरपीएफ के नेतृत्व में सुरक्षा कर्मियों ने कई बड़े माओवादी हमलों में जवाबी कार्रवाई की है।