Inter Caste Marriage: ऐसे समय में जब अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह तेजी से विवादों का रूप लेता जा रहा हैं। वहीं राजस्थान सरकार ने अब अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देने का फैसला किया है। गहलोत सरकार ने ऐलान किया है कि वह अंतरजातीय विवाहों के लिए प्रोत्साहन राशि को दोगुना करेगी।
अंतरजातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि दोगुनी की गई
सरकार के अनुसार, अब विवाह बंधन में बंधने वाले अंतर्जातीय जोड़ों को प्रोत्साहन के रूप में अब 5 लाख रुपये की बजाए 10 लाख रुपये मिलेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा की थी, जिसके बाद गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई।
सविता बेन अम्बेडकर अंतर्जातीय विवाह योजना
बता दें कि संशोधित डॉ सविता बेन अंबेडकर अंतर्जातीय विवाह योजना के तहत 5 लाख रुपये आठ साल के लिए सावधि जमा में रखे जाएंगे, जबकि शेष 5 लाख रुपये नए शादी शुदा जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में जमा किए जाएंगे।
बता दें कि 2006 में शुरू की गई इस योजना ने शुरुआत में 50,000 रुपये प्रदान किए, जिसे बाद में अप्रैल 2013 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था। वहीं अब 10 लाख रूपया कर दिया गया है। इस योजना के लिए केंद्र और राज्य सरकारें 75 फीसदी और 25 फीसदी राशि देती है।
प्रोत्साहन राशि लेने की शर्तें
योजना के अनुसार, अंतर्जातीय विवाह केवल 35 वर्ष की आयु तक की अनुमति होगी। इस योजना के तहत, वर और वधू को हिंदू होना चाहिए।