जम्मू-कश्मीर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार एलओसी के पास माता शारदा देवी मंदिर का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे। कश्मीर पंडित लंबे समय से सदियों पुराने इस मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे थे। हालाकिं अभी और भी इसका विकास कार्य होना बचा हुआ है। शाह ने इस मौके पर कहा कि पीएम मोदी के प्रयास से धारा 370 हटने के बाद शांति स्थापित होने से घाटी और जम्मू फिर एक बार अपनी पुरानी परंपराओं, सभ्यता और गंगा-जमुनी तहजीब की ओर फिर से लौट रहे है।
इतने साल पुराना है मंदिर
शारदापीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मन्दिर पाक अधिकृत कश्मीर शारदा के निकट किशनगंगा नदी (नीलम नदी) के किनारे पर है। इस पर भारत का अधिकार है। शारदा पीठ मुजफ्फराबााद से लगभग 140 किलोमीटर और कुपवाड़ा से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।इस मंदिर का निर्माण महाराज अशोक ने 237 ईसा पूर्व में करवाया था। इतिहासकारों के अनुसार, शारदा पीठ मंदिर अमरनाथ और अनंतनाग के मार्तंड सूर्य मंदिर की तरह की कश्मीरी पंडितों के लिए श्रद्धा का केंद्र रहा।लेकिन सदियों पुराना ये मंदिर खंडहर में बदल चुका था। इसे करीब 2400 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर में पिछले 70 सालों से पूजा-अर्चना बंद थी जोकि अब पुनः चालू हो गई है।
मंदिर को लेकर पौराणिक कथा
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जब भगवान शिव देवी सती के देह त्याग करने के बाद उनके शव लेकर दुखी थे। उसे बाद जब सती के शव के साथ तांडव किया था तब उसमें सती का दाहिना हाथ यहां आ गिरा था। मान्यताओं के अनुसार इसे देवी शक्ति के 18 महाशक्ति पीठों में एक माना जाता है।